ये 4 अमर प्रेम कहानियां आज भी इश्कजादों के बीच बनी हुई हैं अनोखी मिसाल

हर प्रेम कहानी का अपना अलग करिश्मा होता है, फिर चाहे वह आपकी कहानी हो, मेरी या फिर किसी और की प्रेम कहानी हो। हर प्रेम कहानी की अपनी अलग दास्तां, त्रासदियां व बाधाएं होती हैं। तो आइए आज हम आपको अपने इतिहास के कुछ ऐसे राजा-महाराजाओं की प्रेम कहानी के बारे में बताते हैं, जिनका इश्क लोगों के लिए मिसाल बन गया। मराठा से लेकर मुगलों तक, आम आदमी से लेकर योद्धा तक, हमारे इतिहास में भी हैं कई प्रसिद्ध प्रेम कहानियां….

आइए आपको इतिहास के कुछ ऐसे ही प्रेमी जोड़ों से मिलवाते हैं।

  1. बाजीराव और मस्तानी (Baji Rao and Mastani)
    मराठा के बहादुर योद्धा बाजीराव को एक मुस्लिम नर्तकी मस्तानी से प्यार हो गया। मस्तानी के पिता हिंदू थे, लेकिन उनकी मां फारसी थी और योद्धा बाजीराव मराठा के राजा थे। मस्तानी तलवारबाजी करती थीं और वह कई युद्धों में बाजीराव के साथ भी गईं थी। बाजीराव की पहली शादी काशीबाई से हुई थी, जिसके कारण उनके घरवालों और राज्य ने मस्तानी को स्वीकार नहीं किया। बाजीराव और मस्तानी का एक पुत्र हुआ, जिसे उसके परिवार ने कभी स्वीकार नहीं किया। इनकी कहानी में बताया गया है कि मस्तानी ने भले ही बाजीराव मस्तानी से शादी कर ली हो, लेकिन उनको उनके राज्य में कोई कानूनी स्थान नहीं मिला था। कुछ समय के बाद बुखार के कारण बाजीराव की दुखद मौत हो गई, यह बात जानकर मस्तानी ने आत्महत्या कर ली, क्योंकि बाजीराव के अलावा उनकी जिंदगी में कोई नहीं बचा था।
  2. मिर्जा और साहिबा (Mirza and Sahiba)

यह प्रेम कहानी पंजाब की है, जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा हो गया है। मिर्जा जाट था, वहीं साहिबा मुस्लिम के सिया जाती की थी, इन दोनों को पढ़ाई के दौरान ही एक दूसरे से प्यार हो गया, लेकिन इन दोनों की प्रेम कहानी का अंत बहुत ही बुरा हुआ। साहिबा ने मिर्जा से शादी करने के बारे में सोचा, लेकिन साहिबा के भाईयों ने उनके प्यार को स्वीकार नहीं किया और मिर्जा को मार डाला। जिस तलवार से साहिबा के भाईयों ने मिर्जा को मारा था, उसी तलवार से साहिबा ने खुद को मारकर आत्महत्या कर ली।

  1. शिवाजी और साईबाई (Shivaji and Saibai)
    इन दोनों की प्रेम कहानी शादी के बाद शुरू हुई थी। शिवाजी और साईबाई की शादी एक बहुत कम उम्र में ही हो गई थी। शिवाजी अपने राज्य की जिम्मेदारियों के कारण जीवनभर व्यस्त रहें, लेकिन साईबाई से शादी के बाद उनकी जिंदगी में बदलाव आया और वह अपने व्यस्त जिंदगी से थोड़ा समय साईबाई के लिए भी निकालते थे। दोनों के 2 बच्चे थे, शिवाजी अपनी सभी पत्नियों में से सबसे अधिक प्यार साईबाई को ही करते थे। यहां तक कि शिवाजी के दुखद अंत में भी उनके मुंह से अंतिम शब्द साई निकला था।
  2. पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता (Prithvi Raj Chauhan and Samyukta)

पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता की प्रेम कहानी भी काफी प्रसिद्ध है। संयोगिता पृथ्वीराज के प्रतिद्वंद्वी जयचंद्र की बेटी थी, लेकिन जयचंद्र दोनों की शादी नहीं होने देना चाहता था। जयचंद्र ने संयोगिता का स्वयंवर की व्यवस्था की, जिसमें पृथ्वी को आमंत्रित नहीं किया गया था। इस स्वयंवर में संयोगिता ने अपने पिता के खिलाफ जाकर पृथ्वी की प्रतिमा को माला पहना दी, जो कि शादी की जगह के पास ही रखी हुई थी। इसके बाद संयोगिता और पृथ्वीराज चौहान दोनों ही वहां से भाग निकले, दरअसल पृथ्वी के प्रतिमा के पीछे खुद पृथ्वीराज चौहान ही छिपे हुए थे। लेकिन इस कहानी का अंत काफी दर्दनाक हुआ। मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया, जिसके बाद संयोगिता ने खुद अपने आप को खत्म कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *