चमत्कारों से भरा है महादेव का यह मंदिर, दाल चढ़ाने से उतर जाते हैं सारे कर्ज, जानिए आप भी

दरअसल, हम महादेव के जिस मंदिर के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं इस मंदिर के चमत्कारों की वजह से ही यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंचती है, यह मंदिर मध्य प्रदेश में स्थित है, जिसको ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, वैसे आमतौर पर देखा जाए तो शिवजी के मंदिरों के अंदर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए भारी संख्या में जाते हैं और यहां पर शिवजी को दूध, दही और पंचामृत का भोग लगाकर अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं, हरदा और देवास जिले की सीमा के बीच बहने वाली नर्मदा नदी के किनारे पर बसे नेमावर में स्थित प्राचीन ऋणमुक्तेश्वर मंदिर की परंपरा बिल्कुल अन्य शिव मंदिरों से अनोखी मानी गई है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव जी के इस मंदिर में दूध, दही जैसी सामग्रियां अर्पित नहीं की जाती बल्कि अमावस्या तिथि पर चने की दाल अर्पित की जाती है।

ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान शिव जी को दाल अर्पित करने के लिए आते हैं, कुछ लोगों का दावा है कि यह भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर भगवान शिव जी को चने की दाल अर्पित की जाती है, यहां पर देश भर से लोग नर्मदा नदी में स्नान करने और शिव जी को दाल अर्पित के लिए उपस्थित होते हैं, महादेव के इस मंदिर के पुजारी का ऐसा कहना है कि पुराणों में दिवाली की अमावस्या पर इस मंदिर में चने की दाल चढ़ाने से सभी प्रकार के

कर्ज से छुटकारा मिलता है और इससे शिवजी भी भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं।

अब आपके मन में यह सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि आखिर शिवजी के इस मंदिर में चने की दाल क्यों चढ़ाई जाती है? इस विषय में भी जानकारों का ऐसा बताना है कि इस मंदिर के अंदर देवताओं के गुरु बृहस्पति का स्थान है, भगवान शिव जी ने सभी ग्रहों को अलग-अलग स्थान दिया है, इनमें से बृहस्पति को ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में स्थान दिया है, गुरु बृहस्पति को पीले रंग से खुश किया जा सकता है, इसी वजह से इस मंदिर के अंदर चने की दाल शिवजी को अर्पित की जाती है, इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी बुरे ग्रहों के प्रभाव को शांत रखते हैं, यहां पर श्रद्धालुओं के सभी बिगड़े कार्य बनते हैं और सभी कर्ज से छुटकारा प्राप्त होता है।

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