जानिए सूमो डेडलिफ्ट व्यायाम करने के फायदे

आजकल के समय में जिम करने वाले सभी व्यक्ति मजबूत और बड़ी जांघ चाहते हैं। ऐसा करने के लिए वह बेहद कठिन कसरत करते हैं और घंटों जिम में बिताते हैं। यह बात भी सभी जानते हैं कि डेडलिफ्ट टांगों की एक बेहतरीन कसरत है।

सामान्य डेडलिफ्ट व्यायाम के कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे कि कमर पर पड़ने वाला अत्यधिक तनाव। सूमो डेडलिफ्ट में पीठ पर कम तनाव पड़ता है। डेडलिफ्ट के वैसे तो कई प्रकार हैं, लेकिन आज हम आपको डेडलिफ्ट की दूसरी सबसे लोकप्रिय कसरत के बारे में बताएंगे। इस व्यायाम का नाम है सूमो डेडलिफ्ट, दरअसल इस कसरत के दौरान पीठ पर कम प्रभाव पड़ता है।

सूमो डेडलिफ्ट, सामान्य डेडलिफ्ट जितनी ही प्रभावशाली होती है। इस व्यायाम में भी हम अपनी टांगों को उतनी ही तीव्रता से ट्रेन करते हैं, जितना कि अन्य डेडलिफ्ट में कर सकते हैं। सूमो डेडलिफ्ट से स्ट्रेंथ, एंड्यूरेंस और स्टैमिना के स्तर में बढ़ोतरी होती है।

सूमो डेडलिफ्ट क्या है? –
सूमो डेडलिफ्ट और सामान्य डेडलिफ्ट में ज्यादा फर्क नहीं होता है। हालांकि, सूमो स्क्वाट्स की तरह सूमो डेडलिफ्ट एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प है। सामान्य डेडलिफ्ट में कमर के क्षतिग्रस्त होने का जोखिम बना रहता है जबकि, सूमो डेडलिफ्ट में पैरों के बीच 1 फुट का गैप रखने पर इस गतिविधि को अपनाने से कमर को सहारा मिलता है, जिससे स्लिप डिस्क की आशंका कम की जा सकती है।

सूमो डेडलिफ्ट के फायदे –
कम खतरनाक – सूमो डेडलिफ्ट में पैरों को अधिक चौड़ा खोल लेने से सामान्य डेडलिफ्ट की गतिविधि के मुकाबले पीठ पर कम तनाव पड़ता है। इसके कारण आप अधिक रैप और वजन भी उठा सकते हैं।

वजन उठाने में मजबूती – सूमो डेडलिफ्ट, डेडलिफ्ट का एक अन्य ऐसा प्रकार है, जिसे वजन उठाने की क्षमता और मसल मास बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस कसरत में अत्यधिक वजन उठाने से ऊपरी शरीर के अंग जैसे कंधो और पीठ की मजबूती में भी बढ़ोतरी होती है।

फैट लॉस – इस व्यायाम को करने से वजन कम करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह शरीर के साइड में जमी वसा को बर्न करता है।

जीवन शैली में आता है सुधार – रोजमर्रा के कई ऐसे कार्य होते हैं जिनमें हमें बेहतर पोस्चर की आवश्यकता होती है। सूमो डेडलिफ्ट के लोअर बैक पर पड़ने वाले प्रभावों के कारण व्यक्ति को उठने-बैठने व सामान उठाने में मदद मिलती है।

इन सब के अलावा लोअर बॉडी का व्यायाम होने के कारण यह कसरत शरीर में ग्रोथ हॉरमोन बढ़ाने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ाने में मदद करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *