यदि अंग्रेज भारत नहीं आते तो हमारा भारत कैसा होता? जानिए

भारत,संसाधनों के मामले में हमेशा से ही एक सम्पूर्ण देश रहा है और इसका उदाहरण है अंग्रेजों का भारत में आना,ऐसा कहा जाता है कि यूरोपियन भारत में मसालों के उत्पादन से काफ़ी प्रभावित थे ,जिसकी वजह से पुर्तगाली सबसे पहले आए मसालों के कारोबार को स्थापित करने फिर धीरे धीरे और भी यूरोपियन देश आए और अंग्रेज़ भी इसी बीच 1600 ई में आए थे हालांकि इन्होंने अपनी पहली फैक्ट्री मसुलिपत्तनम में 1613 में स्थापित की,जब उन्हें जहांगीर से इजाज़त मिली।

इसके बाद धीरे धीरे उनका साम्राज्य बढ़ा और अपना वर्चस्व जमाते चले गए।

हालांकि हमें ये समझना चाहिए कि अंग्रेज़ से पहले भी भारत मुक्त नहीं था,इसपर मुग़ल साम्राज्य था (जो चंगेज़ खान और मोंगोल के वंशज थे), औरंगज़ेब के बाद मुगल शासन का पतन हुआ और आखिरी शासक बहादुर शाह जफर।

अब ऐसे में अंग्रेज़ नहीं आते तो दो बातें हो सकती थीं:-

१.चूंकि मुग़ल साम्राज्य अपनी पैठ बना चुका था ,तो ये संभव है कि आगे भी उसी का राज्य होता ।

२. भारत के क्षेत्रीय शासक लगातार मुगलों पर आक्रमण करते रहे ,जैसे मराठा,राजपूत इत्यादि ,तो ये भी हो सकता था कि ऐसे में मुगल हार जाते और भारत में केंद्र शासन के बजाय राज्य शासन ही चलता और सभी अपना अपना राज्य संभालते(हालांकि ये संभावना बहुत कम थी,क्योंकि सभी अपनी प्रसिद्धि और समृद्धि चाहते थे )

३.हमारे देश में ११००-१२०० ई से ही अफ़गानी सुलतानों का आक्रमण होता रहा है,जो नादिर शाह के मुगलों पर आक्रमण से और भी वीभत्स हो गया था,तो ऐसे में ये भी हो सकता था कि मुगलों के बाद अफ़गानी शासन शुरू हो जाता ।(हालांकि दिल्ली सल्तनत में अफ़गानी शासक कुछ समय के लिए राज भी लिए थे,पश्तून)

यही संभावना होती यदि अंग्रेज़ नहीं आते और शायद फिर लोकतंत्र को हम अब जाकर समझ पाते ,उसका चलन तो दूर की बात थी,हालांकि इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि अंग्रेज़ के आने से हमारा क्षरण नहीं हुआ है,पूरी तरह 

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