आप सम्राट हुमायूँ और रानी कर्णावती के बारे में क्या जानते हैं? जानिए
रानी कर्णावती (कर्मवती) :
राजस्थान के मेवाड़ की रानी कर्णावती को कौन नहीं जानता। एक ओर जहां मुगल सम्राट हुमायूं अपने राज्य का विस्तार करने में लगा था तो दूसरी ओर गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने 1533 ईस्वी में चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। रानी कर्णावती चित्तौड़ के राजा की विधवा थीं। रानी के दो पुत्र थे- राणा उदयसिंह और राणा विक्रमादित्य।
ऐसे में महारानी कर्णावती ने राजपूतों और मुस्लिमों के संघर्ष के बीच हुमायूं के सामने प्रस्ताव रखा कि हम परस्पर संधि करके अपने समान शत्रु बहादुरशाह का मिलकर सामना करें। मुगल सम्राट हुमायूं ने रानी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। हालांकि हूमायूं किसी को भी नहीं बख्शता था लेकिन उसके दिल में रानी कर्णावती का प्यार अच्छे से उतर गया और उसने रानी का साथ दिया।
हुमायूं को रानी ने अपना धर्मभाई बनाया था इसलिए हुमायूं ने भी राखी की लाज रखते हुए उनके राज्य की रक्षा की।