पहले युद्ध क्यों होते थे ? जानिए

  1. शक्ति सम्प्रभुता सम्पन्नता का प्रदर्शन कर सुंदर महिला को आकर्षित कर सूख भोगना. अर्थात जोरू

चित्तोड़ कि रानी पद्मिनी, महाभारत मे द्रोपदी, रामायण मे सीता और तिलोत्तमा को प्राप्त करने के लिए दौ राक्षस भाईयों मे आपसी युद्ध इसी कर्ण हुए.

2. अपना साम्राज्य बढ़ाना शक्ति बढ़ाना अपना महत्व दुनिया मे स्थापित करना. अर्थात जमीन

सिकंदर का भारत पर आक्रमण, महापद्मनन्द का अपने राजा को मारकर पाटलिपुत्र का राजा बनना, मुहम्मद गौरी और मेहमूद ग़ज़नी के भारत पर आक्रमण, बाबर तैमूर नादिर शाह का आक्रमण अपनी शक्ति और अपने लिए धन तथा सुरक्षित राज्य खोजने के लिए थे. साथ ही छोटे छोटे कारण जैसे इस्लाम को बढ़ाना धर्मफेलना आदि अति महत्वपूर्ण कारण नहि थे बल्कि सहायक कारण थे.

3. अपनी पुरानी रंजिश का बदला लेना जैसे जड़ कोई मूल कारण, वंश के लोगों कि मृत्यु करवा देना आदि का प्रतिशोध.

यह कारण भारत मे खलीफाओं और मुसलमान के आक्रमण से पूर्व मे बहुत विद्यमान थे जिसे राजपूतकाल कहते है. ये हिंदू राजपूत राजा अपने कुल वंश कि आंन बान शान के लिए युद्ध करते ही रहते थे और अपनी जनता तथा फ़ौज को मरवाते,कटवाते रहते थे. जयचंद पृथ्वीराज मे वेमन्सयता, राणा प्रताप मानसिंह का वैमनस्य, हर्ष और शशांक बंगाल के राजा व कन्नौज या थानेश्वर के महाराज राज्यवर्धन का राजश्री कि रक्षा के लिए युद्ध, यशोवर्मा और ललितादित्य कश्मीर नरेश का आपसी संघर्ष, यशोधर्मा और बंग नरेश धर्मपाल के युद्ध इसी तरह के थे.

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