इस गांव से थर-थर कांपता है कोरोना, 13 महीने से नहीं मिला है एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज

कोरोना की दूसरी लहर में भारत की हालत खराब हो चुकी है. हर राज्य से खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं. अचानक मरीजों की बढ़ी संख्या के कारण अस्पतालों में ना बेड मिल रहे हैं ना ही डिमांड के हिसाब से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है. इस बीच राजस्थान के एक ऐसे गांव की अचानक चर्चा होने लगी है, जहां बीते 13 महीने से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जी हां, इस गांव में एक भी कोविड केस सामने नहीं आया है. गांव वालों ने बिना किसी दवाई या वैक्सीन के ही कोरोना को हरा दिया है. इसके लिए बस गांव को लॉकडाउन किया गया है. ना बाहर से किसी को आने दिया जाता है ना लोग बेवजह बाहर जाते हैं.

पिछले साल से ही सील है गांव
राजस्थान के सीकर जिले में बसे खंडेला के सुखपुरा गांव में बीते 13 महीने से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इस गांव के लोगों ने समझदारी से खुद को सुरक्षित रखा है. अरावली की तलहटी में बसे इस गांव की आबादी 3 हजार के करीब है. पिछले साल जब कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा था तब से ही ये गांव सील है. इस वजह से यहां एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला है.

मामले कम होने पर भी नहीं बरती लापरवाही
पिछले साल लॉकडाउन में इस गांव के बाहर बैरिकेटिंग लगा दी गई थी. हर इंसान के आने-जाने पर नजर रखी गई थी. जब मामले कम हुए तब भी बैरिकेटिंग नहीं हटाई गई. यहां बाहर से आने वालों को क्वारेंटाइन किया गया और आइसोलेशन वार्ड में रखा गया. किसी तरह की कोई लापरवाही ना बरतने का ही नतीजा है कि अभी तक यहां एक भी कोविड पेशेंट नहीं है.

गांव वालों ने दिया साथ
गांव को कोरोना से मुक्त रखने में ग्रामीणों का रोल भी काफी अहम है. बच्चों से लेकर बूढ़ों ने भी सारे नियमों का पालन किया. बिना वजह कोई भी घर से बाहर नहीं निकलता था. सावधानियां आज भी बरती जाती है. जब बीच में संक्रमण के मामलों में कमी आ गई, तब जहां पुरे देश ने लापरवाही बरती, वहीँ इस गांव के लोगों ने तब भी नियमों का पालन किया.

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