जरुरी सुचना : केंद्र की राज्यों को चेतावनी, कोरोना की रफ्तार के आगे नाकाफी साबित हो सकते हैं इंतजाम

कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें चिंता में हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा है, लगातार बढ़ रहे संक्रमण से निपटने के लिए वर्तमान बुनियादी ढांचा शायद इससे नाकाफी साबित हो सकता है.

ज्यादा संक्रमण वाली जगहों की हो पहचान
केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे स्थानीय स्तर पर उच्च संक्रमण दर या बेड की ज्यादा जरूरत वाले स्थानों की पहचान करें और 14 दिनों के लिए स्थानीय रोकथाम उपाय अपनाएं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि स्थानीय रोकथाम उपाय में प्राथमिक स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए. लोगों को एक स्थान पर भीड़ इकट्ठी करने से रोका जाए. सरकार ने राज्य सरकारों को प्रिवेंशन, क्लिनिकल मैनेजमेंट और कम्युनिटी रिकॉन्सिलिएशन पर काम करने के लिए कहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र
बीते कुछ दिनों में बहुत अधिक संख्या में सामने आ रहे संक्रमण के नए मामलों का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा है, हालात काबू करने के लिए राज्यों को तत्काल सख्त Covid-19 मैनेजमेंट और रोकथाम के उपायों पर विचार करने की आवश्यकता है. इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखा है.

लगातार बढ़ रहा है संक्रमण
बता दें, देश भर में लगातार कोरोमा संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली में ही बीते 3 दिन के दौरान कोरोना से 1055 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते 3 दिनों से दिल्ली में कोरोना के कारण प्रतिदिन लगभग 150 व्यक्तियों की मौत हुई है. बीते 24 घंटे के दौरान दिल्ली में 350 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हुई है. शनिवार को 357 और शुक्रवार को 348 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हुई थी. दिल्ली में कोरोना से अभी तक 14,248 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो चुकी है.

ऑक्सीजन की भारी किल्लत

वहीं दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अब औद्योगिक ऑक्सीजन की भी मदद ली जा रही है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों के लिए 490 टन ऑक्सीजन कोटा आवंटित किया है. हालांकि दिल्ली सरकार के मुताबिक, आवंटित की गई पूरी ऑक्सीजन दिल्ली नहीं पहुंच रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबितक कोरोना की महामारी में दिल्ली को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, उसके मुकाबले में 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही पहुंच रही है. जगह-जगह से जो ऑक्सीजन आनी है, वह ऑक्सीजन दिल्ली के अंदर पहुंच नहीं रही है.

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