आग कितने प्रकार की होती है? जानिए

आग एक तरह की उष्माक्षेपी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें कोई ईंधन ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके प्रकाश, ऊष्मा और धुआं उत्पन्न करता है।

वास्तव में आग कोई पदार्थ नहीं है। जहां कहीं भी आग लगती है वह अपने आसपास के हवा को गर्म कर देती है।

यह स्पष्ट है कि आग को लगने के लिए ऊष्मा, ईंधन और ऑक्सीजन का होना जरूरी है। अगर इन तीनों में से कोई भी एक तत्व उपस्थित नहीं है तो आग नहीं लगेगी। तकनीकी रूप में इसे फायर ट्रायंगल कहा जाता है।

आग मुख्यतः छह प्रकार की होती है

‘A’ टाइप – वैसी आग जो मुख्यतः ठोस ईंधनों जैसे लकड़ी, पेपर, कपड़ा, रबड़ आदि के कारण लगती है उसे हम ‘A’ टाइप आग कहते हैं। सांकेतिक रूप में इसे एक त्रिभुज के अंदर अक्षर ‘A’ को दिखाया जाता है।
‘B’ टाइप – वैसी आग जो मुख्यतः द्रव ईंधनों जैसे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, आयल, पेंट इत्यादि के कारण लगती है उसे हम ‘B’ टाइप आग कहते हैं। अमेरिका में गैस के कारण लगने वाली आग को भी इसी श्रेणी में रखा जाता है। सांकेतिक रूप में इसे एक आयत के अंदर अक्षर ‘B’ को दर्शाया जाता है।
‘C’ टाइप – यूरोपीय और ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुसार वैसी आग जो गैस ईंधनों जैसे मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, हाइड्रोजन, अमोनिया इत्यादि के कारण लगती है उसे हम ‘B’ टाइप आग कहते हैं। वहीं अमेरिकी मानक के अनुसार वैसी आग जो विद्युत के कारण लगती है उसे हम ‘C’ टाइप आग कहते हैं। सांकेतिक रूप में इसे एक वृत्त के अंदर अक्षर ‘C’ को दर्शाया जाता है।
‘D’ टाइप – वैसी आग जो मुख्यतः धातु जैसे पोटैशियम, मैग्निशियम, एलुमिनियम, सोडियम इत्यादि के कारण लगती है उसे हम टाइप ‘C’ आग कहते हैं। सांकेतिक रूप में इसे एक स्टार के अंदर अक्षर ‘C’ दर्शाया जाता है।
‘E’ टाइप – यूरोपीय और ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुसार वैसी आग जो विद्युत के कारण लगती है उसे ‘E’ टाइप आग कहते हैं। अमेरिका में ‘E’ टाइप की कोई श्रेणी नहीं है।
‘F’ टाइप – यूरोपीय और ऑस्ट्रेलियाई मानकों के अनुसार वैसी आग जो कुकिंग ऑयलों और वसा के कारण लगती है उसे ‘F’ टाइप आग कहा जाता है। वहीं अमेरिका में इसे ‘K’ टाइप की श्रेणी में रखा जाता है।

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