Why did the Pandavas eat the flesh of their father's body, know the secret of this amazing incident of Mahabharata

क्यों खाया था पांडवो ने अपने ही पिता के शरीर का मांस, जानिए महाभारत की इस अद्भुत घटना का राज

महाभारत को कई व्यक्तियों ने पड़ा समझा और उसका अनुसरण भी किया है. कई व्यक्ति तो रामायण महाभारत में हुई घटनाओ से प्रेरित हो कर अपना जीवन जीते है . लेकिन आज भी ऐसे कई व्यक्ति है जिन्होंने महाभारत को नहीं पड़ा है. और ना ही उसके बारे में उनके पास अधिक जानकारी है.

एक किस्सा

महाभारत में एक अजीब किस्सा सभी को सोचने पर मजबूर कर देता है. आखिर ऐसा क्या कारण था की पांडव अपने ही पिता के शरीर का मॉस खाने पर मजबूर हो गए थे. इस घटना के पीछे एक रहस्य्मय सच्चाई है जिसे हर कोई नहीं जानता है. इस बात से बहुत काम व्यक्ति अवगत है की पांडवों के पिता ही चाहते थे की उनकी मृत्यु के बाद ऐसा हो.

एक श्राप

ऐसा इसलिए क्योंकि उसके सभी पुत्र उनके वीर्ये से पैदा नहीं हुए थे बल्कि एक श्राप के कारण ऐसा हुआ था. उन्होंने अपनी मृत्यु के पूर्व वरदान मांगा था जिसके अनुसार उसके बच्चे उसकी मृत्यु के बाद उनके शरीर का मांस आपस में मिल बांट कर खाने से उनका ज्ञान सभी में स्थानांतरित हो जाए.

पांडवों की प्राप्ति

पांडवों का माता कुंती और माद्री ने भगवान का दिल से आहवान करके पांडवों को प्राप्त किया. रामायण और महाभारत में हुए युद्ध की बातों से हमें कई तरह की सीख मिलती है. पुराणों में इसका सम्पूर्ण उल्लेख भी मिलता है.

युद्ध

इसीलिए कहा जाता है युद्ध महाभारत का हो या फिर रामायण हमें इनसे कई तरह की सीख मिलती है. आज हम आपको इस लेख के माधयम से महाभारत से जुडी एक ऐसी घटना के बारे में बताते है.

पिता का मांस खाया

इस घटना में पांडव ने अपने मृत पिता पाण्डु का मांस खाया था. आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया इस बात को जानने से पहले हमे पांडवो के जन्म के बारे में जानना आवश्यक हैं.

पांच पांडव

पाण्डु के पांच पुत्र थे युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव. पांचो पुत्रो में से युधिष्ठर, भीम और अर्जुन की माता कुंती थी तथा नकुल और सहदेव की माता माद्री थी.

पाण्डु के यौन संबंध की कहानी

हालांकि पाण्डु इन पाँचों पुत्रों के पिता थे लेकिन इनका जन्म पाण्डु के यौन संबंध बनाने तथा उनके वीर्य से नहीं हुआ था. क्यों की पाण्डु को श्राप दिया गया था की यदि वह सम्भोग करेगा उसकी मृत्यु निश्चित है.

पाण्डु का आग्रह

पाण्डु के आग्रह करने पर माता कुंती और माद्री ने पाचों पुत्र की प्राप्ति भगवान का आहवान से प्राप्त किये थे. महाभारत में भी इस बात का सम्पूर्ण उल्लेख है.

पिता का मॉस खाने की कहानी

जब पाण्डु की मृत्यु हुई तो उनके शरीर का मांस पाँचों भाइयों ने मिल कर खाया था. पुत्रो ने ऐसा इसलिए किया था क्यों की पाण्डु की ही ऐसी इच्छा थी. इस बात को जान कर हर किसी के मन में एक ही सवाल आ रहा है आखिर ऐसी अजीबो-गरीब इच्छा कोई क्यों जाहिर करेगा.

क्यों खाया पिता का मॉस

आखिर उनका मकसद क्या था. वैसे तो आप जानते ही है की उनके पुत्र वीर्ये या सम्भोग से पैदा नहीं हुए थे.

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