UP से बड़ी खबर : ग्राम प्रधान 25 और 26 मई को लेंगे शपथ
उत्तर प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुने गए नए ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण की डेट तय हो गई है। पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि 25 और 26 मई को नए प्रधान और पंचायत सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके अलावा 27 मई को पहली बैठक होगी। प्रदेश में करीब 58 हजार ग्राम पंचायत हैं। यहां 15, 19, 26 और 29 अप्रैल को वोट डाले गए थे। 2 से 5 मई तक वोटों की गिनती हुई और विजेताओं का ऐलान हुआ था। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अभी कोरोना का प्रकोप चल रहा है। ऐसे में सदस्यों की शपथ के कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से कराए जाएंगे। प्रदेश में कुल 58176 ग्राम पंचायतें हैं।
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने जारी किया आदेश
प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी आदेश में कहा है कि ग्राम पंचायतों के संगठित और निर्वाचित सदस्यों की शपथ कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम यानी ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न हो। साथ ही शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कोविड-19 का प्रोटोकॉल का पालन जरुर किया जाए।
दो तिहाई सदस्यों वाली ग्राम पंचायतों का होगा गठन
ग्राम पंचायतों में प्रधान और कम से कम दो तिहाई पंचायत सदस्यों का निर्वाचित होना जरूरी है।जिन ग्राम पंचायतों में दो-तिहाई पंचायत सदस्य होंगे तभी वहा पर ग्राम पंचायतों का गठन किया जा सकेगा।अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वर्चुअल तरीके से ग्राम प्रधानों व पंचायत सदस्यों की शपथ कराने और ग्राम पंचायतों को संगठित कराने को लेकर आदेश दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि जिन ग्राम पंचायतों में शपथ ग्रहण ग्राम प्रधान की होगी और जहां भी दो तिहाई से अधिक ग्राम पंचायत सदस्य होंगे।
उन ग्राम पंचायतों का गठन करके इसकी सूचना शासन को 28 मार्च को तय प्रारूप पर भेज दी जाए।जिन ग्राम पंचायतों में दो तिहाई से कम सदस्य हैं उन ग्राम पंचायतों में दोबारा से पंचायत सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया और फिर पंचायतों के गठन की प्रक्रिया पूरी कराई जाए।
पंचायतों का नही है विभाग के पास आकंड़ा
विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों के गठन के लिए दो तिहाई सदस्यों का होना अनिवार्य होता है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से अपने-अपने जनपदों में प्रक्रिया सम्पन्न कराकर सूचना प्रेषित करने को कहां गया है।उसके उपरांत बची रह गयी ग्राम पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया कराई होगी। पिछले चुनाव में भी पहली बार मे 38 हजार ग्राम पंचायतें ही संगठित हो पाई थी।