दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय

जब से हम पैदा हुए हैं हमारा मस्तिष्क लगातार काम कर रहा है। आपका शरीर सोते समय आराम कर भी लेता है लेकिन मस्तिष्क कभी आराम नहीं करता वो उस समय भी सोचता है, जिस कारण आप सपने देख पाते हैं। मस्तिष्क बहुत सारे काम जैसे सोचना, संख्याओं को याद रखना, लिखने के लिए शब्द देना आदि करता है। बहुत से काम करने के लिए मस्तिष्क का स्थिर होना बहुत ज़रूरी है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कम समय में अधिक काम करने के लिए दिमाग का सही समय पर सही प्रतिक्रिया देना आवश्यक है। कुछ तरीके जो आपके मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।

दिमाग़ बढ़ाने के लिए करें ध्यान –
मस्तिष्क एक जटिल संरचना है। लोगों को लगता है कि मस्तिष्क को हम प्रभावित नहीं कर सकते। लेकिन एक शोध में मस्तिष्क की पैतृक बनावट के बारे में दिखाया गया है जिसमें हमारा मस्तिष्क न्यूरॉन्स (एक कोशिका जो मस्तिष्क को सन्देश भेजती है) बना सकते हैं।

ध्यान हर प्रकार से आपकी दिमागी शक्ति बढ़ाता है। यह तनाव कम करने में मदद करता है, आपकी स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ता है। मानव इंसुलिन साइंस में फ्रंटियर जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, कसरत या व्यायाम करते समय भी मस्तिष्क कार्य करता है जिससे आप दर्द और भावनाओं को सहने के लिए सक्षम बनते हैं।

बाएं हाथ से काम करने से होता है बुद्धि का विकास –
बायें हाथ का प्रयोग आपके मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करता है और नए न्यूरॉन्स भी बनाता है। जिस प्रकार व्यायाम करने से शरीर में मज़बूती और स्फूर्ति आती है ठीक उसी प्रकार हमारा मस्तिष्क भी बायें हाथ के प्रयोग से अधिक ऊर्जावान बनता है। कुछ अधययनों में यह सामने आया है कि जब आप अधिक उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क का एक ही गोलार्ध (hemisphere) काम करता है। लेकिन जब आप कम उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध कार्यशील होते हैं क्योंकि आपके मस्तिष्क का बायां गोलार्ध दाएं हाथ से और दायां गोलार्ध बायें हाथ से जुड़ा होता है।

दिमाग़ तेज़ करने के लिए करें ताकत वाले व्यायाम –
व्यायाम सेहत के लिए हर प्रकार से लाभदायक है। 20 मिनट बिना किसी रूकावट के ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क की मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं जिससे दिमाग तेज़ चलता है। व्यायाम से आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी होती है जिससे उन रोगों के होने की सम्भावना भी कम होती है जिनसे स्मरण शक्ति कम होती है जैसे शुगर (मधुमेह) और हृदय रोग आदि। ताकत वाले व्यायाम मस्तिष्क रसायनों के प्रभाव को बढ़ाते हैं और तनाव दूर करते हैं। कसरत का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह नए न्यूरॉनल कनेक्शनों को उत्तेजित करके नए न्यूरॉन्स की बनावट को बढ़ावा देते हैं। निष्क्रिय लोगों की तुलना में जो लोग व्यायाम करते हैं उनमें मस्तिष्क की गति बढ़ाने वाले प्रोटीन (BDNF protein) 32 प्रतिशत अधिक पाया जाता है जो निर्णय लेने, उच्च सोच और सीखने में मदद करते हैं।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पियें ग्रीन टी –
थियेनाइन (Theanine) एक ऐमिनो अम्ल है जो ग्रीन टी की पत्तियों में पाया जाता है। यह अम्ल तनाव बढ़ाने वाले कारकों को निष्क्रिय करता है। एक जापानी रिसर्च के अनुसार, यह चिंता को कम करने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक है। ग्रीन टी के फायदे अनेक हैं, उनमें से एक है थकान को दूर करना क्योंकि इसमें कैफीन होता है जो आपको दिनभर चुस्त और फुर्तीला बनाये रखने में मदद करता है।

टेट्रिस (ब्लॉक जोड़ना) है याददाश्त बढ़ाने का अचूक मंत्र –
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार, कुछ देर ब्लॉक जोड़ने वाला खेल (Tetris) खेलने से मस्तिष्क में पाए जाने वाले ग्रे द्रव्य (gray matter) में बढ़ोतरी होती है। जिससे चीज़ों को अधिक समय तक याद रखने में आसानी होती है। मस्तिष्क के अधिकतर न्यूरॉन्स इसी ग्रे द्रव्य में पाए जाते हैं। न्यूरॉन्स, मांसपेशियों की तरह होते हैं जिन्हें वजन के साथ मज़बूत किया जा सकता है। टेट्रिस खेल की मदद से आप अपने मस्तिष्क की इन मांसपेशियों को मज़बूत बना सकते हैं जो स्मरण शक्ति के विकास में सहायक है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें जॉगिंग –
एक अध्ययन के मुताबिक, जॉगिंग से रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्छी तरह से मिलते हैं जो किसी भी कार्य को तेज़ी से करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि अधिकतर लोग जॉगिंग शुरु करने के कुछ दिन बाद अधिक फुर्ती से काम करने लगे थे। नियमित रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि आपकी याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है।

झपकी लेने से होता है बुद्धि का विकास –
एक जर्मन रिसर्च के अनुसार, जो लोग थोड़ी देर के लिए झपकी लेते रहते हैं उनकी स्मरण शक्ति अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होती है। अल्पावधि वाली स्मरण शक्ति मस्तिष्क के ‘हिप्पोकैम्पस’ वाले क्षेत्र में मौजूद होती है। झपकी लेने की आदत इस स्मरण शक्ति को किसी तरह नियोकॉर्टेक्स (मस्तिष्क का वो भाग जिसमें देखने और सुनने की शक्ति मौजूद रहती है) में स्थानांतरित कर देता है जहां ये अधिक समय के लिए सुरक्षित रहते हैं।

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