देश के इंजीनियर्स भी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में दिन- रात जुटे
अभी आप सुन रहे होंगे कि कोरोना वायरस महामारी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस जी-जान से जुटे हुए हैं। पर क्या आपको पता है कि देश के इंजीनियर्स भी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में दिन- रात जुटे हुए हैं। कोविड-19 से छुटकारा पाने के लिए इनोवेशन हो या फिर सस्ते वेंटिलेटर का निर्माण करना, इंजीनियर्स अपने तरीके से कोविड-19 से छुटकारा पाने के लिए जुटे हुए हैं।
कोरोना से जंग में उतरे इंजीनियर एक्सपेरिमेंट में लगे हुए हैं ताकि कोरोना महामारी में लोगों को राहत मिल सके। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान इंजीनियर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और देश की सेवा कर रहे हैं।
इंजीनियर्स के इस स्टार्टअप को रेसर साइकिल नाम दिया गया है। इस बारे में इंजीनियर्स का कहना है कि उनका ड्रोन टास्क को कंम्प्लीट करने में 15 मिनट का समय लेता है। अगर एरिया बड़ा है तो एक या आधा दिन लग सकता है। इंजीनियर्स ने असम और उत्तराखंड सरकार को ड्रोन को लेकर अप्रोच किया है ताकि कोरोना महामारी के खिलाफ जंग आसान हो सके।
कोरोना महामारी संक्रमित व्यक्ति के साथ ही सतह से भी फैल सकती है, जहां कोरोना संक्रमित व्यक्ति से फैल सकता है, ठीक वैसे ही उस सतह को छूने से भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है, जिस पर वो पहले से मौजूद था। ऑनलाइन मार्केटप्लेस, ड्रूम (Droom) ने एक ऐसा तरीका निकाला है, जिससे कार की सतह को संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। कुछ इंजीनियर्स ने मिलकर कोरोना शील्ड का निर्माण किया है जो कि कार, बाइक आदि को एंटी माइक्रोबियल सर्फेस प्रोटक्शन देगी। कंपनी की ओर ये जानकारी दी गई है कि इस शील्ड का उपयोग करने से कार में संक्रमण का खतरा न के बराबर होगा।