कुत्ते के काटने से हो सकती है आपकी मौत, जानिए कैसे
दोस्तों, यदि आपको कुत्ता काट ले। मुंह से लार निकले या पानी को देखने या उसे पीने से गर्दन ऐंठनी शुरू हो जाए तो समझिए रेबीज हो गई है। इसके बाद बचना संभव नहीं है और पांच से छह दिन में मौत तय है।
इससे बचाव का तरीका है समय से उपचार। लेकिन केवल पागल कुत्ता काटे और तभी रेबीज होगी, ऐसा भी नहीं है। पालतू कुत्ते के काटने पर भी टीका लगवाना चाहिए। जरा सी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है।
डाक्टरों के अनुसार अगर पागल कुत्ता काट ले तो उसे 24 घंटे के अंदर एंटी रेबीज सीरम चढ़वाना जरूरी होता है। इसके बाद हफ्ते भर में एंटी रेबीज का टीका लगवा लेना चाहिए। रेबीज का बैक्टीरिया मरीज के दिमाग को जकड़ लेता है।
इसका असर दस से 14 दिनों में आना शुरू हो जाता है। दिमाग में सूजन आने के कारण दस दिन में ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसे मरीज को हाइड्रोफोबिया हो जाता है। वह पानी, रोशनी और हवा से भी डरने लगता है।
यदि बंदर या कुत्ते के काटने के बाद चिड़चिड़ापन, बुखार आना, मुंह से लार निकलना, पानी का नाम सुनने या देखने या उसे पीने की कोशिश करते ही गर्दन एवं छाती की मांसपेशियों में संकुचन हो, हवा के झोंके से भी झटका लगे या मासंपेशियां जकड़े तो समझ लीजिए कि रेबीज हो गई है। आर्य के अनुसार एक बार यह बीमारी हो जाए तो फिर बचने के कोई आसार नहीं हैं।