क्या आपको पता है कि नॉर्मल स्पर्म काउंट कितना होता है ?
स्पर्म काउंट में कमी का सीधा संबंध प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। अगर आप आसानी से कंसीव करना चाहती हैं तो हेल्दी स्पर्म काउंट की बेहद जरूरी होता है। प्रेग्नेंट होने के लिए एक स्पर्म और एक एग की जरूरत पड़ती है। हेल्दी स्पर्म प्रत्येक महीने महिला के प्रग्नेंट होने के चांसेज को बढ़ा देता है।
नॉर्मल स्पर्म काउंट
अगर सामान्य सपर्म काउंट की बात करें तो प्रति मिलीलीटर सीमन में 15 मिलियन स्पर्म से 200 मिलियन से अधिक स्पर्म पाए जाते हैं। इजैकुलेशन के समय यदि 39 मिलियन स्पर्म अंदर गए हैं तो इस संख्या को कम माना जाएगा। कम स्पर्म की संख्या को ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है।
स्टडी में ये बात सामने आई है कि स्पर्म काउंट में कमी वाले व्यक्ति मोटापे का शिकार जल्द हो जाते हैं। साथ ही ऐसे व्यक्तियों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है।
स्पर्म काउंट में कमी से कुछ बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे हाई फ्रीक्वेंसी मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज और हार्ट से संबंधित समस्याएं। टेस्ट के बाद अगर स्पर्म काउंट कम निकलता है तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरॉन लेवल, लाइफस्टाइल और ओवरऑल हेल्थ की जांच की सलाह दे सकता है।