कुल्फी वाला बर्फ में नमक क्यों मिलाता है, मिलावट है या साइंस की ट्रिक?
कुल्फी वाले मटके के बर्फ में नमक मिलाना मिलावट तो कतई नहीं है साथ ही यह किसी भी तरह का ट्रिक भी नहीं है । इसका वैज्ञानिक आधार है।
दरअसल कुल्फी के मटके में वर्ष में जब नमक मिलाते हैं तो बर्फ की सतह पर मौजूद पानी में नमक घुल जाता है जिससे इस मिश्रण का फ्रीजिंग प्वाइंट जीरो डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे चला जाता है इसके परिणाम स्वरूप नमकीन पानी के संपर्क में आया बर्फ की कुछ और मात्रा पिघल जाती है।
जिनमें और भी ज्यादा नमक घुल जाएगा जो और भी ज्यादा बर्फ को पिघला सकती है। इसके परिणाम स्वरूप मटके में जो ठंडा नमकीन पानी है वह जीरो डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा ठंडा हो जाता है यानी बर्फ से भी ज्यादा ठंड जो मटके में रखे हुए कुल्फी के डिब्बों को बिल्कुल ठंडा और जमा कर रखता है।
हां बस यह ध्यान रखने की जरूरत है की पानी में नमक मिलाने की एक सीमा है। पूरी तरह संतृप्त हो जाने के बाद पानी में नमक का घुलना बंद हो जाता है फिर भी पूर्ण संतृप्त होने पर बर्फ के पिघलने का तापक्रम जीरो डिग्री सेंटीग्रेड से घटकर माइनस 18–21 ℃ तक घट सकता है, जो तकरीबन डीप फ्रीजर के समतुल्य है।