सऊदी अरब देश में स्कूलों में रामायण और महाभारत पढ़ाने का निर्णय क्यों लिया गया है? जानिए वजह

सऊदी अरब अपने सामाजिक सुधारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में है। सऊदी अरब, अरब देशों में सबसे बड़ा देश है जो एक अमीर देश होते हुए भी अपनी कई विवादित और निर्मम परंपराओं की वजह से बदनाम रहा है।

सन् 2015 में महिलाओं को पहली बार स्थानीय निकायों के चुनावों में वोट देने का अधिकार प्राप्त हुआ। इस तरह सऊदी अरब दुनिया का अंतिम राष्ट्र बना जिसने महिलाओं को वोट डालने की अनुमति दी। वर्तमान युवराज युवा हैं और नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने सऊदी अरब में सामाजिक सुधारों की कहानी आरम्भ की।

महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति दी गई है जो अगले वर्ष से लागू होगी जिसके लिए विश्व भर में सऊदी अरब प्रशासन की आलोचना होती रही है। महिलाओं के लिए खेल स्टेडियम में जाने की भी व्यवस्था भी की जा रही है।

सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने विजन 2030 के तहत शिक्षा क्षेत्र के लिए अन्य देशों के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन को जरूरी बताया है। देश में नई शिक्षा नीति की घोषणा करते हुए बताया गया कि अब छात्रों को रामायण और महाभारत भी पढ़ाया जाएगा। शिक्षा नीति में किए गए इस बदलाव के पीछे की वजह के बारे में बताया गया कि ये अध्ययन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृतियों जैसे योग और आयुर्वेद पर केंद्रित होगा।

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