क्या सच में हाथ और माथे की रेखाओं से भविष्य पता किया जा सकता है ?
ज्योतिष शास्त्र का अनोखा रूप जिसे सामुद्रिक शास्त्र कहते है की शाखा फेस रीडिंग के रूप में जानी जाती हैं ज्योतिष का व्यवहारिक स्वरूप है से भविष्य ज्ञान सुगमता से ज्ञात किया जा सकता है।
सामान्य जनमानस या ग्राम देहात के निवास करने वाले जातक जिनको अपने जन्म समय, जन्म दिनांक का सही ज्ञान नही होता है उनके भविष्य मार्गदर्शन मे हस्त रेखा शास्त्र प्रभावी ढंग से सहायक होता है साथ ही भविष्य ज्ञान के लिए दर्पण की तरह काम करता है।
ललाट रेखाओ की बनावट आकृति के ज्ञान से किसी व्यक्ति को देखते ही व्यक्तित्व को जाना जा सकता है एवं भविष्य ज्ञान मे सहायक होता है।
जिन जुड़वां बच्चों का जन्म एक दिनांक , जन्म समय , जन्म स्थान होने पर संभव है जन्म कुंडली एक जैसी रहेगी किन्तु हस्त रेखा के माध्यम से प्रथक – प्रथक रूप से भविष्य ज्ञान सुगमता से निर्धारण करने मे सक्षम रहता है जो व्यवहारिक रूप से अधिक सटीक रहता है।
हस्त रेखा शास्त्र प्रत्यक्ष ज्योतिषीय स्वरूप है , प्रत्येक जातक के लिए सुलभ व्यक्तित्व का आयना है जिसमे सब कुछ दिखाई देता है।
जैसा कि नाम से ही विदित है सामुद्रिक शास्त्र जिसमे समुद्र जैसी गहराई एवं विशालता लिए हुए है यह हस्त रेखा विद के ज्ञान की प्रगाढ़ता एवं परख की गहनता के अनुभव पर निर्भर करता है कि वह कितने मोती चुन पाते है शास्त्र अपने आप मे सास्वत तथा सनातन है जिसमे संदेह की गुंजाइश नहीं है सही तरीके से जानने परख क्षमता की आवश्यकता है।