जानिए क्या कोरोना वायरस के बाद दुनिया एक और नई घातक वायरल बीमारी आने वाली है
हालांकि यह शोध अभी विदेशों में ही किया गया है, लेकिन इस रिसर्च का परिणाम भारत के लिए भी चिंता पैदा करने वाला है। नोवल कोरोना वायरस ने भी पहले विदेश में ही तबाही मचाई थी और अब भारत में भी इसका प्रकोप बुरी तरह फैल चुका है। भारत में भी बहुतायत मात्रा में लोग मधुमक्खी पालन का काम करते हैं।
ऐसे में यह अध्ययन मधुमक्खी पालकों के साथ-साथ दूसरे लोगों के लिए भी टेंशन की बात है। इस खोज के बाद अब सभी के लिए चिंता है कि कोरोना वायरस के बाद फिर क्रोनिक बी पैरालाइसिस वारयस का प्रकोप भी न फैल जाए।
यूके के न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के जर्नल नेचर कम्यूनिकेशन्स में प्रोफेसर जाइल्स बडेज की एक खबर प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2007 से 2017 के बीच क्रोनिक बी पैरालिसिस वायरस से मधुमक्खी के संक्रमित होने की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। वैज्ञानिकों ने ये आंकड़े 24 हजार से अधिक मधुमक्खी पालकों के पास से जमा किए गए।
शोधकर्ताओं ने क्रोनिक बी पैरालाइसिस वारयस से बीमार होने के बाद मधुमक्खियों में कई लक्षण देखे। वैज्ञानिकों के अनुसार, क्रोनिक बी पैरालाइसिस वायरस से संक्रमित होने के बाद मधुमक्खियों के शरीर में असामान्य रूप से कंपकंपी होने लगती है। मधुमक्खी उड़ने में असमर्थ हो जाती है। मधुमक्खी के बाल झड़ जाते हैं, जिससे उसकी त्वचा दिखने लगती है। इन लक्षणों के कारण ही आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह मधुमक्खियों में यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही, कहीं कोविड-19 के बाद इससे इंसान भी संक्रमित न होने लगे।