प्रधानमंत्री राहत कोष मौजूद है तो फिर एक नए फंड कि ज़रूरत क्यों आन पड़ी? लोगों ने उठाए कई तरह के सवाल
कई लोग नए कोष यानी पीएम-केयर को ‘घोटाला’ क़रार दे रहे हैं तो कुछ जगहों पर कहा जा रहा है कि नया फंड इसलिए बनाया गया क्योंकि शायद ये नियंत्रक एंव महालेखा परीक्षक या कैग की परिधि से बाहर होगा जिसकी वजह से कोष से किए गए ख़र्च और उनके इस्तेमाल पर किसी की नज़र नहीं रहेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ट्वीट के ज़रिये अपील करके कहा कि कोविद-19 जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात राहत कोष (पीएम-केयर्स फंड) की स्थापना की जा रही है और लोग उसमें दान करें.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि इस कोष का इस्तेमाल भविष्य में आनेवाली दिक्क़त की घड़ियों में भी किया जाएगा. ट्वीट में फंड से जुड़ी हुई सूचनाएं की लिंक भी मौजूद थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस के बारे में अंधविश्वास और झूठी खबरों से मुकाबले करने में समाज कल्याण में लगे संगठन अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है और आज इन संगठनों की सेवाओं व उनके संसाधनों की जितनी जरूरत है उतनी पहले कभी नहीं थी।
शारीरिक दूरी के मानकों का उल्लंघन नहीं करें- पीएम
सामाजिक कार्यो में लगे संगठनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आस्था के नाम पर लोगों को शारीरिक दूरी के मानकों का उल्लंघन कर जगह-जगह इकट्ठे होते देखा गया है। लिहाजा, इस जानलेवा वायरस का प्रसार रोकने के लिए उन्हें शारीरिक दूरी की अहमियत के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है।