हलीम बीज क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
हलीम/चन्द्रशूर/अलीव, भारत में सभी जगह पाए जानेवाला औषधी पौधा है। इस के छोटे, लाल बीजों का चिकित्सा अधिकतर इस्तेमाल होता है।
आयुर्वेद के अनुसार चन्द्रशूर, रसायन, बल्य, वाजीकर, अनुलोमक और दर्दनिवारक है।
प्रसूतावस्था में माताओं का दूध बढ़ाने के लिए यह लाभदायक है। गरी के साथ इस की बर्फी या दूध में लप्सी बनाकर प्रसूता को दिया जाता है।
मिश्री के साथ अपचन, दस्त, ग्रहणी में उपयोग होता है।
कब्ज और अपच के लक्षणों में हलीम के बीजों का सेवन फायदा पहुँचाता है।
महिलाओं में कमरदर्द और श्वेत प्रदर (सफेद पानी निकलना) में इसे इस्तेमाल करते है।
इस के बीजों को नींबू के रस में पीसकर, कमरदर्द, आमवात या जोड़ों के दर्द में लेप करते है।
पुरुषों के लिए यह रसायन और वाजीकर है।
कई वैद्य इस का उपयोग शरीर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए करते है।
हलीम के बीज शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए उपयोगी हैं। यह प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है।
वजन को कम करने में भी यह मदद करता है।
आधुनिक शोधकर्ताओं के अनुसार, इस में एनाल्जेसिक, एंटी-स्पास्मोडिक, एंटी-डायरियल, गैलेक्टागॉग, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और मूत्रवर्धक गुण होते है।