राष्ट्रपिता की मृत्यु के समय भी दो लड़कियां उनके साथ थी, क्या आप जानते है कि वो कौन थी?

78 साल के गांधी जैसे ही प्रार्थनासभा मंच की सीढ़ियों पर चढ़ते हैं, एक आदमी भीड़ जिसका नाम नाथूराम गोडसे था, निकलता है और पिस्टल निकाल कर गाँधी के सीने और पेट में तीन गोलियां दाग़ देता है.

गांधी गिर जाते हैं, और उनके मुख से ‘हे राम…’ निकलता हैं और उस महिला की बाहों में दम तोड़ देते हैं, जो उनके अंतिम वक़्त के संघर्ष और तकलीफ़ों की गवाह चुकी होती है.

कौन थी मनु :
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन(आजादी) के दौरान मनु को गिरफ़्तार किया गया था. उस वक़्त मनु की उम्र महज़ 14 साल थी और वो सबसे कम उम्र के क़ैदियों में से एक थीं.

सन 1943-44 की बात है. वहां मनु मुलाक़ात महात्मा गांधी से हुई. मनु की महात्मा गाँधी से पहली मुलाकात यही रही. इस मुलाकात के बाद मनु ने अपनी डायरी में मुख्य-मुख्य बात को लिखना शुरी कर दी.

जेल के दौरान मनु ने डायरी लिखना जारी रखा. उन्होंने ये सब गुजरती भाषा में लिखी.

अगले चार सालों में एक किशोर क़ैदी एक बेहतरीन लेखक के रूप में निकल कर आई.

मनु गांधी की डायरी 12 खंडों में भारत के अभिलेखागार में संरक्षित हैं. उन्होंने इनमें गांधी के भाषणों और पत्रों को शामिल किया है. इनमें उनके कुछ अंग्रेज़ी के वर्कबुक भी शामिल किये.

इसका बाद में अंग्रेज़ी में अनुवाद कर प्रकाशित किया गया.

जब गांधी को गोली लगी तो वो मनु के सामने थी और गाँधी उनके हाथों में ही प्राण त्याग दिये.

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