मनु किसके पुत्र थे? जानिए
प्रथम मनु को स्वयंभू मनु कहा जाता है स्वयं भू अर्थात खुद ही उत्पन्न हुए को कहते है इनका जन्म 19700 वर्ष पूर्व हुआ था इनके साथ सवय भू स्त्री देवी सतरुपा उतप्पन हुई थी सवय भू अर्थात बिना माता पिता के इन्हीं प्रथम पुरुष और प्रथम स्त्री की सन्तानों से संसार के समस्त जनों की उत्पत्ति हुई। मनु की सन्तान होने के कारण वे मानव या मनुष्य कहलाए। स्वायंभुव मनु एवं शतरूपा के कुल पाँच सन्तानें हुईं थीं जिनमें से दो पुत्र प्रियव्रत एवं उत्तानपाद तथा तीन कन्याएँ आकूति, देवहूति और प्रसूति थे।
स्वायंभुव मनु को आदि भी कहा जाता है। आदि का अर्थ होता है प्रारंभ।सभी भाषाओं के मनुष्य-वाची शब्द मैन, मनुज, मानव, आदम, आदमी आदि सभी मनु शब्द से प्रभावित है। यह समस्त मानव जाति के प्रथम संदेशवाहक हैं। इन्हें प्रथम मानने के कई कारण हैं। सभी मनु की संतानें हैं इसीलिए मनुष्य को मानव (=मनु से उत्पन्न) भी कहा जाता है। ब्रह्मा के एक दिन को कल्प कहते हैं। एक कल्प में 14 मनु हो जाते हैं। एक मनु के काल को मन्वन्तर कहते हैं। वर्तमान में वैवस्त (7वें मनु) हैं।
हिंदू धर्म में स्वायंभुव मनु के ही कुल में आगे चलकर स्वायंभुव सहित कुल मिलाकर क्रमश: १४ मनु हुए। महाभारत् में ८ मनुओं का उल्लेख मिलता है व श्वेतवराह कल्प में १४ मनुओं का उल्लेख है। जैन ग्रन्थों में १४ कुलकरों का वर्णन मिलता है।