भारत में 0.9% ईसाई भी राम नवमी नहीं मनाते हैं, फिर 90% हिन्दू क्रिसमस क्यों मनाते हैं?

मुझे बस यह पता हैं कि एक पेड़ सजाया जाता हैं और सब एक दुसरे को उपहार देते हैं। रात को सांता क्लॉस आता हैं और आपके मोज़ो में आपका उपहार छोड़ कर जाता हैं। यह सब बातें फिल्मो को देख कर शायद हम सभी को पता हैं।

जो बातें नहीं पता उनको तो रहने ही दीजिये, मैंने पेड़ नहीं सजाया, मुझे किसी ने कोई उपहार नहीं दिया, मैंने कोई मोज़ा नहीं रखा तो क्रिस्टमस कैसे मनाया मैंने?

हाँ मैं शाम को बाहर निकला, लखनऊ हज़रतगंज में रॉयल कैफ़े की बास्केट चाट खायी, मोती महल के शाही टुकड़ा का भी मज़ा उठाया। सभी लोग खुश थे, उनको खुश देख कर मैं भी खुश हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये हुए थे इसलिए दो घंटे मेट्रो स्टेशन बंद था, हम पुरे हज़रतगंज में घुमते रहे और खूब मज़े किये। शायद इसी लिए त्यौहार होते हैं, आप सब कुछ भुला कर खुश हो सकते हैं।

मेरे घर के पड़ोस में एक थॉमस आंटी रहती थी, जब नवरात्री पर कन्याओ को घर बुलाया जाता हैं तब उनकी बेटी भी आती थी, टिका लगवाती थी और चुनरी भी ओढ़ती थी और बहुत खुश होती थी और आप क्या उम्मीद सकते हैं उनसे? वह नौ दिनों का व्रत तो रखेंगे नहीं।

प्यार बाँटिये, प्यार मिलेगा। नफरत करेंगे तो नफरत ही मिलेगी।

मेरी ही तरह 90 प्रतिशत हिन्दू सिर्फ क्रिसमस की खूबसूरती देख कर खुश होते है, इसको आप क्रिसमस मनाना नही कह सकते। ठीक उसी तरह थॉमस आंटी की तरह बहुत से ईसाई भी राम नवमी मनाते है तो आप यह नही कह सकते कि कोई ईसाई राम नवमी नही मनाता।

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