भारत ने अपने हजारो साल के इतिहास में किसी दुसरे देश पर आक्रमण क्यों नहीं किया? जानिए वजह

भारत का पहला राजवंश मौर्य वंश था। मौर्य वंश संस्थापक चन्द्र गुप्त मौर्य ने यूनानी आक्रमण कारी सेल्युकस को पराजित कर दिया था। लेकिन उसने अपनी सेना को भारत से आक्रमण करने के लिए बाहर नहीं भेजा। चन्द्र गुप्त मौर्य का पोता अशोक ने एक विशाल सम्राज्य की स्थापना की परंतु उसने दूसरे देशों पर आक्रमण नहीं किया। अशोक धर्म विजय में विश्वास करता था।। उसने अपने पुत्र एवम् पुत्री को विदेश में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा।

अशोक के प्रयास के फलस्वरूप बौद्घ धर्म दक्षिण पूर्व एशिया, चीन, कोरिया एवम् जापान में फैल गया। इस तरह अशोक ने सम्राज्य विस्तार के स्थान पर धर्म विजय को अपनाया। गुप्त काल में समुन्द्र गुप्त ने देश को एकता बद्घ किया। उसने उत्तर से लेकर के दक्षिण के छोटे छोटे राज्यो पर विजय प्राप्त की। भारत ने हमेशा धार्मिक एवम् सांस्कृतिक विकास पर बल दिया। भारत के बौद्घ धर्म प्रचारकों एवम् सन्यासियों ने विदेश में जाकर के भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार किया।

जिसके फलस्वरूप कंबोडिया, इंडोनेशिया इत्यादि देशों में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार हुआ। कंबोडिया में आज भी विशाल हिंदू मंदिर मौजूद है। जिसका निर्माण वहां के हिंदू राजाओं ने किया था। उसी तरह इंडोनेशिया के बाली द्वीप में आज भी अधिकांश जनता हिंदू धर्म की अनुयाई है। थाईलैंड एवम् श्रीलंका में भी भारतीय संस्कृति का प्रभाव देखा जा सकता है।

भारत ने सम्राज्य विस्तार के स्थान पर धर्म प्रचार पर अधिक जोर दिया। भारतीय संस्कृति में सारे विश्व को एक परिवार माना है। इसलिए भारतीय शासकों ने दूसरे देशों पर आक्रमण करने के जगह धर्म एवम् संस्कृति के प्रचार प्रसार का कार्य किया। आज भी भारत सरकार दूसरे देशों पर आक्रमण करने पर विश्वास नहीं करती है। सिर्फ आत्मरक्षा करने के लिए ही शस्त्र का प्रयोग किया जाता है।

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