डी मार्ट बाजार भाव से काफी कम मूल्य पर सामान कैसे बेच पाता है?

डी मार्ट बाजार भाव से काफी कम मूल्य पर सामान बेच पाता है इसके पीछे इसका बिज़नेस मॉडल है। इसका बिज़नेस मॉडल इतना अच्छा है कि एम् बी ए के छात्रों को पढ़ाया जाता है।

आइये इसके बिज़नेस मॉडल को समझने की कोशिश करते हैं —-

डी मार्ट एक सुपरमार्केट चैन है, जो की लोगो की रोजमर्रा की जरूरतों की चीज़े बेचते है।

इसे श्रीमान राधाकृष्ण दामनी और उनके परिवार ने शुरू किया गया था।

डी मार्ट का पहला स्टोर २००२ में मुंबई में पवई में खोला गया था। अब पूरे देश में लगभग १८४ स्टोर्स से ज्यादा हैं।

इनका लक्ष्य कम से कम दाम रखने वाले रिटेलर बनना है, जिसको पूरा करने के लिए वह अच्छी तरह से काम करते है।

डी मार्ट सभी ऐसी तरह के स्टोर्स में सबसे लाभ कमाने वाला स्टोर है।

देखें ऐसा क्या है डी मार्ट में कि सबसे कम दाम रख कर भी फायदा कमाता है।

१) डी मार्ट हमेशा या तो जमीन खरीद लेता है या ३० साल के लिए लीज़ पर लेता है ताकि किराया फिक्स हो जाये। इस से अचानक किराया नहीं बढ़ता और न ही हर साल किराया बढ़ता है जिससे जमीन की वजह से स्टोर में बिक रही वस्तुएं मंहगीं नहीं करनी पड़ती।

२) कभी कभी सेल लगाने की बजाय रोज डिस्काउंट देना ताकि रोजमर्रा की वस्तुएं कम कीमत पर मिले। इससे कस्टमर सस्ती चीज लेने के लिए सेल का इंतजार नहीं करता ।

३) ज्यादा से ज्यादा लोग रोज़ ही खरीदी करने आने की वजह से डी मार्ट में वस्तुएं जल्दी और बड़ी मात्रा में बिक जाती है। जिसकी वजह से इन्हें कंपनी के प्रोडक्ट्स सस्ते मिलते है।

४) बड़ी संख्या में माल खरीदने के साथ साथ ये अकेला ऐसा स्टोर है जो मनुफेक्चरर और सप्लायर दोनों को एक सप्ताह के अंदर ही भुगतान कर देता है जबकि बाकी रेटेलर १ महीने तक का समय लेते हैं मनुफेक्चरर के पैसो पर ब्याज़ कम लगता है, इससे मनुफेक्चरर कम मूल्य पर इनको सामान देते हैं। इस तरह डी मार्ट को दो तरह से बड़े डिस्काउंट मिलते हैं।

५) इसके आलावा वह अपने खर्चो को कम करने के लिए अपने स्टोर में कम से कम लाइटिंग रखते हैं और ज्यादा सजावट नहीं करते। इससे बिजली का बिल कम रहता है और फालतू का पैसा बचता है।

६) डी मार्ट पर लोगो को जरुरत की सभी चीज़े एक ही जगह मिलें और कस्टमर इधर-उधर सामान के लिए भटके नहीं, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है। लोगों को पता रहे कि यहां से उन्हें हर चीज कम दाम में मिल जायगी और उसे कही और जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

७) यहां लोगों को बड़ी ब्रांड्स की चीज़ें तो मिलती ही हैं परन्तु लोकल ब्रांड्स की चीज़े भी मिलती हैं ताकि चीजें महंगी और सस्ती एक ही जगह मिल जाएँ।

८) अपने खर्च को कम रखने के लिए डी मार्ट के ज्यादातर स्टोर बहुत महंगी जगह में नहीं खोले जाते।

९) डी मार्ट खर्च को और भी कम करने के लिए नए स्टोर खुद के पैसो से ही खोलता है और लोन नहीं लेता इससे ब्याज नहीं देना पड़ता और वस्तुओं के दाम पर जोर नहीं पड़ता।

१०) स्टोर खोलते समय ध्यान रखता है कि रिहाइशी क्षेत्र भी पास हो ताकि लोगों की स्टोर तक पहुंच हो और अपना भी ध्यान रखता है कि खुद के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर से पास रहे ताकि ट्रांसपोर्टेशन पर ज्यादा पैसा न लगे।

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