जानिए यदि प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध कभी नहीं हुआ तो दुनिया कैसी होती?

प्रथम एवं द्वितीय विश्व की घटना आधुनिक इतिहास की बहुत बड़ी त्रासदी है। प्रथम विश्व युद्ध 1914 लेकर 1918 तक लड़ा गया था। दूसरा विश्व युद्ध 1939 लेकर 1945 के मध्य तक लड़ा गया था। प्रथम विश्व युद्ध में एक तरफ जर्मनी ,तुर्की आदि देश थे तो दूसरी ओर इंग्लैंड एवं फ्रांस था। इस युद्ध में लाखों लोगों की असामायिक मृत्यु हो गई थी। यूरोप में एवं विश्व के अन्य भागों में भयंकर तबाही हुई थी।

प्रथम विश्व युद्ध में जन-धन का व्यापक विनाश हुआ था। उसी प्रकार द्वितीय विश्व युद्ध में एक ओर जर्मनी,इटली एवं जापान था जिसे धूरी राष्ट्र कहा गया है। दूसरी ओर इंग्लैंड,फ्रांस एवं अमेरिका एकगुट में थे। जिसे इतिहास में मित्र राष्ट्रों के रुप में संबोधित किया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध में करोड़ों लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा था और विश्व के बहुत सारे नगर पूरी तरह बर्बाद हो गया था।

अमेरिका ने जापान के नागासाकी एवं हिरोशिमा नगर पर 6 अगस्त एवं 9 अगस्त को अणु बम का प्रयोग किया था। जिसमें जापान के इन दोनों नगरों का पूरी तरह से विनाश हो गया था। अणु बम के प्रयोग से लाखों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था। आज भी जापान के नागासाकी एवं हिरोशिमा में विकलांग बच्चों का जन्म होता है। यूरोप के अनेक शहरों में भी काफी तबाही मची थी।

लंदन, बर्लिन एवं पेरिस जैसे शहर हवाई हमलों से बुरी तरह से क्षत विक्षत हो गया था। स्थानीय युद्ध हो या विश्व युद्ध हो मानव जाति के लिए काफी दुखदायी है। युद्ध में बड़े पैमाने पर बेकसूर लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ता है। इसमें सैनिक एवं नागरिक दोनों सम्मिलित हैं। आर्थिक संसाधनों का व्यापक विनाश भी हो जाता है। अमेरिका के द्वारा जापान पर अणु बम के प्रयोग ने आण्विक युद्ध की विभीषिका से सारे संसार को अवगत करा दिया है।

आज विश्व के अनेक देशों के पास आण्विक अस्त्र शस्त्र मौजूद है। यदि अब तीसरा विश्व युद्ध होता है तो मानव जाति के अस्तित्व पर ही संकट उत्पन्न हो जाएगा। युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है यह प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के फलस्वरूप मानव जाति का जो व्यापक विनाश देखने को मिला है उससे यह स्पष्ट हो जाता है। प्रथम विश्व युद्ध के उपरांत वार्ता के टेबुल पर ही तत्कालिक समस्याओं समाधान किया गया। जिसके उपरांत राष्ट्र संघ का उदय हुआ था।‌द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया गया जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न समस्याओं का समाधान शांति पूर्ण तरीके से करने का प्रयास किया जाता है।

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