जानिए बुढ़ापे में डिप्रेशन ज्यादा क्यों होता है

अवसाद उम्र बढ़ने का एक सामान्य हिस्सा नहीं है, इसे एक योग्य उपचार की जरुरत होती है। कई वृद्ध वयस्क अवसाद का सामना करते हैं। जैसे कई बुजुर्ग अपने किसी प्रियजन के बारे में चिंतित होतें हैं। बुढ़ापे में डिप्रेशन जानने और इसके इलाज के लिए एक होम केयर प्रोवाइडर होना जरुरी है जिससे उनका अवसाद कम करने में सहायता मिल सकती है।

बुजुर्ग लोग कई बार ऐसी किसी शारीरिक बीमारी के बारे में शिकायत करते रहते हैं, जो कि असल में होती नहीं है या वो समझा नहीं पाते। दरअसल, यह बुढ़ापे में डिप्रेशन का संकेत है। इन बीमारियों के संकेतों में चक्कर आना, शारीरिक दर्द, कब्ज, नींद न आना और वजन घटना आदि शामिल हैं। कई दुर्लभ मामलों में बुढ़ापे में डिप्रेशन की वजह से होने वाली इन बीमारियों का इलाज न हो पाने की वजह से उन्हें कई बार आत्महत्या करने का ख्याल भी आ सकता है।

याद्दाश्त कम होना उम्र बढ़ने के साथ आम समस्या हो सकती है। लेकिन, कई बार यह बुढ़ापे में डिप्रेशन का संकेत हो सकता है, जो कि नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जो कि, एक समय के बाद गंभीर बीमारी का रूप ने सकता है और अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में बुढ़ापे में डिप्रेशन का इलाज करने पर याद्दाश्त के कमजोर होने की समस्या को भी कम किया जा सकता है।

वयस्कों की तरह बुढ़ापे में डिप्रेशन उनके व्यवहार में परिवर्तन ला सकता है। जो कि, आमतौर पर अवसाद का सबसे मुख्य संकेत है। अवसाद से ग्रसित व्यक्ति का बर्ताव चिड़चिड़ा और उदासी भरा हो जाता है। जिसकी वजह से वृद्ध कई तरह के नखरे भी दिखा सकता है। जैसे- घर से बाहर जाने, कुछ खाने, शॉपिंग करने में आनाकानी करना या छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना या फिर शराब की लत लग जाना।

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