गायत्री मंत्र का जाप सुबह सुबह करने से क्या लाभ होते हैं ? जानिए
इस पृथ्वी और उस स्वर्ग में ऐसा कुछ भी नहीं जो गायत्री मंत्र के जप से प्राप्त न हो सके. परंतु ये इतना भी सरल नहीं. सामान्य लाभ के लिए कोई खास नियम नहीं है. बस पवित्र होकर जप करिये. विशिष्ट कार्य की सिद्धि के लिए इसी मंत्र को अलग अलग तरीके से जपा जाता है. जैसे धन की प्राप्ति के लिए ह्रीं का संपुट इस मंत्र के पहले और अंत में लगाकर जप किया जाता है. शत्रु पर विजय के लिए क्लीं का संपुट लगाया जाता है.
योग्य साधू से इस मंत्र का दीक्षा लेकर जप करने से फल जल्दी और अधिक मिलता है. किसी भी मंत्र का जप करने का सबसे बेहतरीन समय ब्रह्म मुहूर्त होता है. सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले का समय ब्रह्म मुहूर्त का समय माना जाता है और यह समय बदलता रहता है क्योंकि सूर्योदय का समय में बदलाव होता रहता है. अलग अलग जगहों पर सूर्योदय का समय अलग अलग होता है. इसे प्रामाणिक पंचाग से जाना जाता है.
माँ गायत्री को वेदों की माता माना जाता है. वो विशिष्ट ज्ञान और दिव्य ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं. इसलिए इसके जप करने वाले भक्त को विशिष्ट ज्ञान और विशिष्ट स्थान की प्राप्ति होती है, इसमें तनिक भी संदेह नहीं करना चाहिए. इसके संबंध में एक छोटी सी कहानी यहाँ शेयर करना जरूरी जान पड़ता है. एक बार एक मनुष्य सिद्धि की प्राप्ति के लिए किसी से गायत्री मंत्र का दीक्षा लेकर जप प्रारंभ करता है. 6 माह तक लगातार नियम पूर्वक जप करने के बाद भी उसे सिद्धि नहीं मिलती. वो निराश होकर जप छोड़ देता है और किसी अन्य गुरु की तलाश में इधर उधर भटकता है फिर शमशान में उसे एक साधक मिलते हैं. वो अपनी असफलता और इच्छा उन्हें बताता है. वो साधक उसे भैरव मंत्र की उसे दीक्षा देते हैं. वो उसका जप शुरू करता है.
सिर्फ एक महिने में ही उसे एक भारी आवाज सुनाई देती है. मैं भैरव हूँ, तुम्हें क्या चाहिए ? वो पूछता है कि जब आप आ चुके हैं तो दिखाई क्यों नहीं दे रहे? भैरव कहते हैं कि तुमने गायत्री मंत्र का बहुत अधिक जप किया है इसलिए मैं तुम्हारे सामने आने का साहस नहीं कर सकता. वो पूछता है कि अगर गायत्री मंत्र में इतनी ही शक्ति है तो मुझे कुछ प्राप्त क्यों नहीं हुआ? भैरव कहते हैं कि तुम्हारे पूर्व जन्मों के पाप बहुत अधिक थे इसलिए उसे नष्ट होने में समय लगा. अब यदि सिर्फ 2 महिने तक जप करोगे तो ये तुम्हारे लिए सिद्ध हो जाएगा और इससे तुम सब कुछ प्राप्त कर पाओगे. वो मनुष्य सोच में पड़ गया क्योंकि उसे गायत्री मंत्र की शक्ति का एहसास हो चुका था.
इसलिए किसी भी मंत्र का लाभ प्राप्त करने में बहुत समय लगता है. इस मंत्र को संकल्प लेकर 24 लाख बार जप करने से सिद्ध होता है परन्तु कलयुग में हर मंत्र का चार गुणा जप करना होगा. अर्थात इसे कलयुग में सिद्ध करने के लिए 24*4=96 लाख बार कम से कम जप करना होगा और वो भी एक ही जगह पर एक ही समय में और जप की संख्या भी समान ही होनी चाहिए. जैसे यदि किसी भक्त ने पहले दिन 324 बार जप किया तो उसे हर दिन 324 बार जप करना होगा. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इसकी 3 माला जप करने से 9 दिन के पाप मिटते हैं और 9 माला लगातार करने से 3 महिने के पाप कटते हैं. इस मंत्र का सीधा संबंध सूर्य से है और सूर्य का सीधा संबंध हमारी आत्मा, विद्या, संकल्प शक्ति, स्वास्थ्य, सफलता से है तो स्पष्ट है कि इस मंत्र के जप से इंसान सब कुछ प्राप्त कर सकता है.
इस संसार में सूर्य के जैसा न कोई शक्तिशाली है और न ही यशस्वी. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य को उर्जा का परम स्रोत माना जाता है और सनातन धर्म के हिसाब से भी इसे प्रमुख देव माना जाता है तो अभी से ही हमें साधना पथ पर आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि कबीर दास जी ने कहा था कि — कल करै सो आज कर, आज करै सो अब. पल में प्रलय होएगा, बहुरि करेगा कब. अर्थात किसी भी शुभ काम के लिए जल्दबाज़ी करना चाहिए क्योंकि अगले ही पल की कोई गारंटी नहीं कि क्या हो जाए. सफलता की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ सबको जय माता की!