कब्ज, पेट दर्द, गठिया, सिर दर्द और अंधेपन से तुरंत मिलेगा छुटकारा, बस इसका सेवन कर लो
आज हम आपको एक ऐसे औषधीय पादप के बारे में बता रहे हैं जिसके औषधीय गुण स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद कीमती हैं । इसके उपचार से कई असाध्य रोगों को ठीक किया जा सकता है । हम जिस पादप की बात कर रहे हैं वह अगस्त्य का पादप है । आयुर्वेद में इसके अनेक गुणों का वर्णन किया गया है । आइए जानते हैं इस पादप के फायदों के बारे में –
- अगस्तिया के पत्तों और फूलों को मसलकर एक साथ सूघने से सिर दर्द और जुकाम-नजला आदि दूर हो जाता है। जुकाम में इसकी जड़ का 10-20 ग्राम रस शहद में मिलाकर रोगी को दिन में दो तीन बार देना चाहिए।
- अगस्तिया के फूलों का रस 2-2 बूंद करके आँखों में दो बार सुबह शाम डालने से आँखों का धुंधलापन दूर हो जाता है, जाला कट जाता है और रोहों में बड़ा आराम मिलता है।
- अगस्तिया की जड़ और धतूरे की जड़ को समभाग में लेकर पीस लें और उसकी पुल्टिस बना लें। फिर उसे दर्द बाय वाले स्थान पर बाँध दें। इससे गठिया बाय में बड़ा आराम मिलता है और सूजन आदि उतर जाती है। दर्द यदि ज्यादा न हो तो अगस्तिया की जड़ को भी पीसकर, उसका लेप कर सकते हैं।
- अगस्तिया की फलियों में से बीज निकालकर उसका चूर्ण बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 250 ग्राम दूध के साथ इसका 10 ग्राम चूर्ण बीस दिन तक सेवन करें। इससे बच्चों और बड़ों की स्मरण-शक्ति तेज होती है और बुद्धि विकसित हो जाती है।
- अगस्तिया की छाल के 20 ग्राम काढ़े में थोड़ा-सा सेंधा नमक और भुनी हुई 20 नग लौंग पीसकर मिला दें और उसे सुबह-शाम रोगी को पिलाएँ। पेट दर्द तो ठीक होता ही है, यदि तीन दिन इसे पिला दें तो पेट के अन्य बहुत से रोग, जैसे कब्ज’, ‘अपच’, ‘मंदाग्नि’, ‘वायु विकार’ आदि भी ठीक हो जाते हैं।