उत्तराखंड से लेकर पंजाब तक फैला है नशे की दवा और इंजेक्शन का कारोबार, बदनाम हैं यूपी के ये जिले जानिए नाम

मंडल के शाहजहांपुर और बरेली जिला नशीली दवा और इंजेक्शन के
अवैध कारोबार को लेकर दूर-दूर तक बदनाम हो चुके हैं। यह अवैध
कारोबार यहां से उत्तराखंड और पंजाब तक फैला हुआ है।

कई बार
बड़ी कार्रवाई भी हुई लेकिन इस धंधे से होने वाले मोटे मुनाफे के
चक्कर में कारोबार बदस्तूर जारी है। इसको लेकर पिछले साल दिल्ली
की क्राइम ब्रांच ने भी यहां बड़ी कार्रवाई की थी। खांसी के सीरप
फेंसेडिल, कोडिन, कोडीस्टार, कोरेक्स, डायलेक्स डीसी, एस्कोरिल
सी में मुख्य रूप से क्लोरफिनइरामिन और कोडीन मिला होता है,
जिस वजह से नशे के आदी लोग इनका इस्तेमाल करते हैं।

इसी तरह
स्पास्मो, नाइट्राबाइट, अल्प्राजोलम, फोर्टविन आदि दवाएं भी नशे के
लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इन दवाओं की बिक्री डॉक्टर के पर्चे पर
ही होने का नियम है, लेकिन धंधेबाजों के लिए इसकी कोई अहमियत
नहीं है।

पंजाब और उत्तराखंड तक इनका काला कारोबार हो रहा है।
स्मैक और अफीम जैसे महंगे नशे की अपेक्षा सस्ती और आसानी
से उपलब्ध होने के चलते इनकी डिमांड भी खूब है। इसका फायदा
उठाकर अवैध रूप से इनकी बिक्री करने वाले दुकानदार इनकी
कीमत से दस गुनी राशि तक वसूलते हैं।

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