सकट चौथ पर ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

सकट चौथ देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इसे अलग-अलग हिस्सों में अलग नामों से जाना जाता है, जैसे वक्रतुण्डी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकूट चौथ. सभी देवताओं की पूजा से पहले भगवान गणेश का पूजन करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि परिवार में सुख-शांति आए.

व्रत की विधि
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके गणेश जी की पूजा आरंभ करें. उत्तर दिशा की ओर मुंह करके भगवान गणेश को अर्ध्य देना चाहिए. नदी घर के आसपास हो तो 21 बार जल चढ़ाएं, घर पर ही पूजा कर रहे हों तो एक बार जल चढ़ा सकते हैं. पूजा में भगवान को गुड़, तिल, गन्ने, शकरकंद, अमरूद और मूली का भोग चढ़ाना चाहिए.

गणेश जी को दूब, बेलपत्र और शमी के पत्ते में रखकर तिल के लड्डू चढ़ाएं तो व्रत का पूरा फल मिलेगा. पूजा स्थल पर कलश में जल भरकर धूप-दूप अर्पित करें. चौथ के दिन चढ़ी हुई मूली या मूली की सब्जी खाना वर्जित है, इससे आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. बहुत से लोग इस दिन शाम की पूजा तक निर्जला व्रत करते हैं. व्रत का पारण तिल का प्रसाद खाकर किया जाता है.

आपको बता दें कि जो इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधि विधान से करते हैं उनके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं आइए जानते हैं इनके महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में संकट से मुक्ति पाना कौन नहीं चाहता इसलिए इस त्यौहार का नाम संकट चौथ रखा गया है संकट का मतलब है दुखों का अंत चौथ का मतलब है चौथे दिन हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक चंद्रमास में दो चतुर्थी होती हैं पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष चतुर्थी के को संकटी चौथी कहते हैं।

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