शतावरी और अश्वगंधा खाने के क्या फायदे है और कब इसका सेवन करना चाहिए ?
शतावरी और अश्वगंधा का सेवन किसी भी उम्र में किया जा सकता है। इन दोनों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बहुत बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इन औषधियों का असर एक सप्ताह के अंदर ही दिखने लगता है।
शतावरी और अश्वगंधा को मिलाकर खाने के बहुत फायदे हैं। इससे वजन तेजी से बढ़ता है। बॉडी की शक्ति, ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। थकान, तनाव और आलस दूर हो जाते है। नींद न आने की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।
यह दोनों औषधियां सैक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने केलिए सबसे अच्छी मानी गई है। इसके अलावा बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करती है। बालों की जड़ों तक रक्त का संचार अच्छी तरह होने लगता है, जिससे बाल तेजी से बढ़ते हैं और हमेशा स्वस्थ रहते हैं। इसका सेवन महिलाओं केलिए भी फायदेमंद है।
शतावरी और अश्वगंधा को मिलाकर खाने से खून साफ होता है और शरीर में हानिकारक कोशिकाओं के बढ़ने से रोकता है, जिससे कैंसर के फैलने की संभावना नहीं रहती। नर्व सेल्स मजबूत बनते हैं और दिमाग भी तेज होता है।
इसके अलावा खून की खराबी और पाचन क्रिया को ठीक करने में भी फायदेमंद है। कुछ दिनों में ही शरीर गोल-मटोल और ताकतवर बन जाता है।
शतावरी और अश्वगंधा का चूर्ण मार्केट में बढ़ी आसानी से मिल जाता है। आप इसे पतंजलि स्टोर से भी खरीद सकते हैं।
इसकी सेवन विधि भी बहुत आसान है। शतावरी और अश्वगंधा पाउडर की 100-100 ग्राम की पैकिंग लेकर उन्हें अच्छी तरह से मिला लें। रोजाना दूध में 5 ग्राम की मात्रा उबालकर गुनगुना होने पर इसका सेवन करें। छोटे बच्चों के शारीरिक विकास के लिए भी बहुत लाभकारी है। बच्चों को एक ग्राम की मात्रा इसी तरह सेवन कराएं। सुबह नाश्ते के बाद इसका सेवन ज्यादा लाभकारी माना गया है। तीन महीने तक इसका इस्तेमाल करें।