विमान के पीछे कभी कभी धुँए की रेखा दिखाई देती है, वह क्या होती है? जानिए

मिथ्या : जिन जहाजों के पीछे धुएं निकल रहे होते है वे जहाज नही रॉकेट होते है।

मिथ्या : ये धुएं नही बल्कि सरकार द्वारा जैविक रसायन, आम जनता के ऊपर डलवाए जाते है।

सही उत्तर/व्याख्या

इन दोनो चित्रों का विश्लेषण करते है।

यद्यपी, यह दोनो चित्र समान लगते है लेकिन ध्यानपूर्वक देखने पर दोनो में कुछ अंतर समझ आता है। पहले चित्र मेंं पंख से निकल रहा धुआं पंखों से कुछ दूर है तथा धुएं की लकीर पंखों पर लगे जेट इंजन के सीध में है। दूसरे चित्र में पंखों से निकल रहा धुआं पंखों से जुड़ा हुआ है और पंखों पर लगे जेट इंजन के सीध में न होकर बगल में है।

  • पहले चित्र में निकल रहे धुएं को कॉन्ट्रेल (contrails) कहते है। यह वास्तव में धुआं न होकर, जेट इंजन के निकास से निकल रही वाष्प है जो कुछ विशेष वायुमंडलीय परिस्थितियों में संघनित होकर बर्फ के कण में बदल जाती है और धुएं की तरह दिखती है।
  • दूसरे चित्र में निकल रहा धुआं वास्तव में जहाज का ईंधन है जिसे जहाज से फेका जा रहा है। इस प्रक्रिया को फ्यूल डंपिंग ( fuel dumping) कहते है। जब जहाज जमीन से उड़ान भरता है तो पूरे यात्रा का ईंधन ले कर उड़ता है अतः वह अत्यधिक भारी होता है। यह इतना भारी होता है कि इस भार के साथ वह जमीन पर लैंड नहीं कर सकता। यदि उड़ान के तुरंत बाद किसी आकस्मिक कारण से जहाज को लैंड करना पड़े तब उसे उस सारे ईंधन को हवा में ही खाली करना पड़ता है। दूसरे चित्र में यही हो रहा है।

जहाज द्वारा fuel dumping ki घटना इतनी दुर्लभ है कि मैं दावे के साथ बोल सकता हूं कि आज तक अपने जितने भी जहाज से निकल रहे धुएं देखे है वह contrails ही देखे होंगे।

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