विद्यार्थियों के लिए बसंत पंचमी का त्योहार महत्वपूर्ण क्यों बताया गया है? जानिए

प्राचीन काल से ही माघ शुक्ल पंचमी को शुभ कार्य के लिये मंगलकारी माना गया है। इसी दिन को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन को सरस्वती पूजा की जाती है। मां सरस्वती शिक्षा की देवी है। इसी दिन से भगवान श्री राम की शिक्षा भी आरंभ हुई थी।

इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरूआत होती है। यह दिन विद्यार्थियों, लेखन से जुड़े लोगों और संगीत से जुड़े लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन जो व्यक्ति मां सरस्वती की पूजा सच्चे हृदय और विधि-विधान करता है उसे विद्या और बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

इस बार बसंत पंचमी का त्यौहार 16 फरवरी 2021 को पड रहा है।

इस दिन को बसंत ऋतु के आगमन के रुप में भी मनाया जाता है।

इस दिन मां सरस्वती का प्राकट्य होने के कारण उनकी पूजा का विधान है।

इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने जाते है।

घरों में पीला भोजन बनाया जाता है।

शिक्षा सामाग्री कापी, किताब, कागज, कलम आदि की पूजा की जाती है।

अपने माता-पिता बडों और गुरुजनों का आशिर्वाद लिया जाता है।

इस दिन कई राज्यों में पतंग बाजी भी की जाती है।

बसंत पंचमी कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने जब सृष्टि की रचना की तो पेड़-पौधों और जीव जन्तुओं सब कुछ बहुत ही सुंदर दिख रहा था, लेकिन फिर भी उन सब में कुछ कमी सी महसूस हो रही थी। जिसके बाद ब्रह्मा जी ने इस कमी को पूरा करने के लिए अपने कमंडल से जल निकालकर छिड़का तो उससे एक सुंदर देवी प्रकट हुईं। इनके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में पुस्तक थी। तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। देवी ने जब वीणा बजाया तो संसार की हर चीज में स्वर आ गया। जिसके बाद उनका नाम पड़ा देवी सरस्वती। कथा के अनुसार यह दिन बसंत पंचमी का दिन था। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *