राजा मूसा कौन है? जानिए
मनसा मूसा टिम्बकटू के राजा थे। वैसे तो उनका वास्तविक नाम मूसा कीटा प्रथम था ,लेकिन जब वह गद्दी संभाले तब से उन्हें मनसा कहा जाने लगा जिसका अर्थ बादशाह होता है।मनसा मूसा ने करीब 1312 से 1337 तक शासन किया और इसी दौरान उन्होंने अरबों की सम्पत्ति जुटाई।
स्वर्ण राजा
मनसा मूसा का जन्म 1280 में शासकों के परिवार में हुआ था। उनके भाई, मनसा अबू-बक्र ने 1312 तक साम्राज्य पर शासन किया, मनसा मूसा को वह राज्य विरासत में मिला जिसे उन्होंने पीछे छोड़ दिया। उनके शासन के तहत, माली राज्य में काफी वृद्धि हुई। उन्होंने टिम्बकटू सहित 24 शहरों को अपने राज्य में मिला दिया।
मूसा का राज्य लगभग 2,000 मील तक फैला हुआ था, अटलांटिक महासागर से आधुनिक नाइजर तक सभी रास्ते, जो अब सेनेगल, मॉरिटानिया, माली, बुर्किना फासो, नाइजर, द गाम्बिया, गिनी-बिसाऊ, गिनी और आइवरी कोस्ट में हैं ।
इतने बड़े भू-भाग के साथ सोना और नमक जैसे महान संसाधन आए।
मनसा मूसा के शासनकाल में, माली का साम्राज्य ब्रिटिश संग्रहालय के अनुसार, पुरानी दुनिया के सोने का लगभग आधा था ।
“शासक के रूप में, मनसा मूसा की मध्ययुगीन दुनिया में धन के सबसे उच्च मूल्यवान स्रोत तक लगभग असीमित पहुंच थी,” “सोने और अन्य वस्तुओं का व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी उनके क्षेत्र में थे, और उन्होंने इस व्यापार से धन अर्जित किया।”
एक वक्त ऐसा था जब पूरी दुनिया में सोने की मांग सबसे ज्यादा थी। उस दौरान माली में खनिज पदार्थों खासकर सोने का अपार भंडार था। उस वक्त माली पर मूसा का राज था। अब जाहिर सी बात है कि इन दिनों उन्हें खूब मुनाफा हुआ होगा। माली साम्राज्य का यह राजा अफ्रीका के जंगलों में रहता था हालांकि अगर आज मूसा जीवित रहता तो दुनिया का सबसे अमीर शख्स कहलाता।
मनसा मूसा की दौलत का हिसाब लगाना वाकई में बेहद मुश्किल है। सेलिब्रिटी नेटवर्थ नामक एक वेबसाइट की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि उनके पास 400 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति थी। उस दौर में जिस इंसान के पास इतना पैसा था अगर वह आज जीवित रहता तो उनसे बढ़कर और कोई नहीं होता। भारतीय मुद्रा में उस वक्त उनके पास करीब ढाई लाख करोड़ रुपये थे।
सन 1324 में मनसा मूसा मक्का की यात्रा पर जा रहे थे। इस सफर में उन्होंने साढ़े छह हजार किलोमीटर का फासला तय किया था। जिन लोगों को उन्हें देखने की चाह थी वे सभी उनके कारवां के पास पहुंचे। लोगों ने जो देखा उसे देख कोई भी दंग रह जाता।
मनसा मूसा के कारवां में करीब 60 हजार लोग शामिल थे। इनमें से 12 हजार तो केवल सुल्तान के निजी अनुचर थे। वह जिस घोड़े पर सवार थे, उसके आगे 500 लोगों का दस्ता चल रहा था और इनमें से सभी के हाथों में सोने की छड़ी थी। सभी रेशम का वस्त्र पहने हुए थे।
कारवां में 80 ऊंटों का जत्था भी था। इन पर 136 किलो सोना लदा हुआ था। कहा जाता है कि जब वह मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजर रहे थे तो उन्होंने गरीबों को इतना दान दिया था कि उस इलाके में बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ गई थी। इससे एक बात तो साफ है कि मनसा मूसा काफी उदार थे।