बड़ी खबर : अमेरिका की रिकवरी और भारत की परेशानी का ऐसे फ़ायदा उठा रहा है चीन

चीन के निर्यात में पिछले महीने उम्मीद से ज़्यादा बढ़ोतरी हुई क्योंकि महामारी से तेज़ी से उबरने के कारण अमेरिका में माँग में इज़ाफ़ा हुआ.

भारत में कोरोना महामारी के कारण फ़ैक्टरियाँ बंद हैं और इस वजह से भी दुनिया भर में चीनी वस्तुओं के बाज़ार में इज़ाफ़ा हुआ है.

चीन ने इस साल क़रीब 264 अरब डॉलर का निर्यात किया है, जो पिछले साल की तुलना में चीन के निर्यात में क़रीब 32 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा है.

इसी दौरान चीन के आयात में एक साल में 43 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है जो पिछले एक दशक में सबसे तेज़ी से बढ़ा है.

चुनौतियाँ
चीन का अमेरिका और कुछ दूसरे देशों के साथ व्यापार में आए तनाव के बावजूद इस महीने चीन का निर्यात उसके आयात से क़रीब 43 अरब डॉलर ज़्यादा है जो तीन गुने से भी ज़्यादा बढ़ोतरी है.

लेकिन इन सबके बावजूद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सामने अभी भी कई बड़ी चुनौतियाँ हैं.

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह आँकड़े पूरी तरह सही नहीं हैं क्योंकि इनकी तुलना पिछले साल से की जा रही है जबकि सख़्त लॉकडाउन के कारण पूरा देश ही लगभग ठप पड़ा हुआ था और ऐसे में आर्थिक गतिविधियाँ भी ठप पड़ी थीं.

जानकारों को उम्मीद है कि चीन के जीडीपी में जनवरी-मार्च के तिमाही में जो रिकॉर्ड 18.3 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी हुई थी, उससे इस बार विकास की दर में कमी होगी.

इसका कारण यह हो सकता है कि कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर के सप्लाई चेन में बाधाएँ पैदा हुईं हैं, जिससे सामानों का मूवमेंट धीमा हो गया है और उनकी शिपिंग की क़ीमत भी बढ़ गई है.

माइक्रोचिप्स जिसका इस्तेमाल कार से लेकर फ़ोन तक में होता है, उसकी दुनिया भर में कमी के कारण भी निर्माताओं का नुक़सान हो रहा है.

कमी
पिछले सप्ताह चीन के सरकारी आँकडों ने बताया है कि पिछले महीने (मार्च) की तुलना में अप्रैल के महीने में चीन में कारख़ानों में उत्पादन की रफ़्तार में कमी आई थी.

गुरुवार को चीन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक वार्ता अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, जो दोनों देशों के बीच ख़राब होते राजनयिक संबंधों का ताज़ा उदाहरण है.

ऑस्ट्रेलिया ने जबसे कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जाँच की माँग उठाई है और चीनी कंपनी ख्वावे को 5जी नेटवर्क बनाने से रोक दिया है तब से चीन और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते ख़राब हो गए हैं.

पिछले साल चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आने वाले शराब और बीफ़ पर पाबंदी लगा दी थी. एक बयान जारी कर चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर ‘शीत युद्ध के दौरान की मानसिकता’ अपनाने का आरोप लगाया है.

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