SBI gives huge blow to millions of customers in lockdown, those who open savings account will have to face heavy loss

बैंक आखिर मिनिमम बैलेंस के नाम पर गरीबो से पैसा क्यों वसूलती है? जानिए

 हज़ारों ATM जिनमे AC लगा हो,मशीन लगी हो, जगह का खर्च, कर्मचारियों की सैलरी,टेक्नोलॉजी का खर्च ये सब खर्च बैंक को करना ही है। इनके बिना बैंक चल ही नही सकती। ये पैसा किधर से आएगा?

हर खाता बैंक के लिए खर्च और कमाई दोनों है।बैंक को पेनाल्टी के पैसे की कमाई नही चाहिए , पेनाल्टी इसलिए लगाई जाती है कि लोग खाते में पैसे रखें।

अगर आप चाहते हैं कि प्राइवेट बैंक में आपको पेनल्टी न लगे तो आसान है।

ब्रांच में जाकर बोलिये कि खाता बंद करना है , फिर वो आपसे कारण पूछेंगे तो बोलिये मिनिमम बैलेंस नही रख पाता भूल जाता हूँ ,तो आप पेनाल्टी लगा देते हो। कुछ तरीका बताइये कि पेनाल्टी न लगे।

फिर आप ही उनको बोलिये कि मैं कुछ fd कर सकता हूँ आप मिनिमम बैलेंस की शर्त हटा दो।

हर ब्रांच को महीने में कुछ इन्वेस्टमेंट लाने का भी टारगेट होता है। आप उनकी मदद करो वो आपकी कर देंगे।

मेरा यस बैंक का सैलरी खाता था जो जॉब चेंज करने के बाद सामान्य खाता हो गया, इससे सिर्फ lic प्रीमियम कटता था।ब्रांच मैनेजर के साथ चाय पी, 30 हज़ार की fd और 2 हज़ार महीने की RD करके 2–3 हज़ार बैलेंस पर 6 साल तक ऐसे ही चलाया।

fd कहीं तो करनी ही थी,यस बैंक में ब्याज भी ज्यादा ही मिलता था।

नियम 50 हज़ार की fd पर मिनिमम बैलेंस हटाने का है पर प्राइवेट बैंक में टारगेट के लिए नियमों में पतली गली निकल ही आती है। 20 हज़ार की fd पर भी कर देते हैं।

गरीब लोगों के जन-धन खाते सरकार ने खुलवाए थे , बैंक मिनिमम बैलेंस के नाम पर इनका पैसा न काटे ये सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।

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