बंदरगाह शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई? इसमें ‘बन्दर’ शब्द कैसे आया?
गुजरात के कच्छ ज़िले में स्थित कांडला आज एक बड़ी प्राकृतिक बंदरगाह है। पर उस समय अभी इतनी व्यस्त नहीं थी और हम प्रायः ही वहाँ घूमने चले जाते थे। बहुत बार यह बात दिमाग़ में आई कि इसे ‘बंदरगाह’ क्यों कहा जाता है? न तो वहाँ बंदर हैं न बंदरों के काम की चीज़। बाद में जब ईरान गये तो बंदरगाह का अर्थ स्पष्ट हुआ।
आज यह प्रश्न पढ़ कर पुराने दिन याद आ गये।
बंदरगाह एक फ़ारसी शब्द है जिसमें ‘बंदर’ अरबी से आया है। इस बंदर का हमारे बंदरों से दूर पास का कोई रिश्ता नहीं है। अरबी भाषा में बंदर का अर्थ है- समुद्र तट, साहिल और गाह का अर्थ होता है- जगह, कोई विशेष जगह जैसे ‘चारागाह’ यानि मवेशियों के चरने की जगह।
सामान से लदे जहाज़ ३० फ़ीट से अधिक तो पानी की सतह के नीचे भी होते हैं अत: उन्हें तट पर आने के लिए बहुत गहरे पानी की आवश्यकता रहती है जो बंदरगाह में ही मिल सकती है। यात्रियों और सामान उतारने के लिए ज़मीन के पास आना भी ज़रूरी है। देश का तट जितना ही कटा फटा होगा उतना ही बंदरगाह के लिए अच्छा रहता है। भारत के पास दक्षिण में लम्बा समुद्री तट है और १३ प्रमुख बंदरगाह हैं।
बंगाल की खाड़ी में दक्षिणी भारत के पूर्वी प्रांत आन्ध्रप्रदेश में स्थित प्राकृतिक बंदरगाह- विशाखापतनम्।
जलपोत, जलयान अर्थात समुद्री जहाज़ जो धरती के पास तक नहीं जा सकते उनके लिए एक जेटी(jetty) का निर्माण किया जाता है जहाँ से सामान उतारा जाता है या सवारियाँ उतर कर किनारे पहुँचती हैं।
जेटी jetty
फ़ारसी के अनेक शब्द हमारी बोलचाल की भाषा में इस तरह समा गये हैं कि बहुत बार हम उनका हिन्दी शब्द ही नहीं जानते। पर इसका यह मतलब कदापि नहीं कि उनके हिन्दी शब्द हैं ही नहीं। बंदरगाह का हिन्दी शब्द पोताश्रय एवं पत्तन है। विशाखापतनम् में यह शब्द समाहित है। भारत का समुद्री व्यापार बहुत पुराना है और निश्चय ही मुग़लों के आने से पूर्व यही शब्द प्रयोग में लाये जाते थे।
समुद्री जहाज़ के लिए जलपोत एवं युद्ध के लिए प्रयोग होने वाले जलयान के लिए युद्धपोत आज भी यदा कदा सुनाई दे जाते हैं। परन्तु ‘पत्तन’ पूरी तरह से बंदरगाह हो गया है।