दक्षिण कोरिया का कृत्रिम सूर्य (आर्टिफिशियल सन) क्यों चर्चा में है? जानिए
दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने सूर्य के सतह से 6.6 गुना ज्यादा तापमान उत्पन्न किया है। पूरा विवरण इस प्रकार है-
कोरियाई वैज्ञानिकों ने लैब में पैदा किया सूरज जितना तापमान
कोरिया सुपरकंडक्टिंग टोकोमाक एडवांस रिसर्च (KSTAR) एक तरह का नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion) रियेक्टर है। इस प्रयोग में सूर्य के अंदर होने वाले नाभिकीय संलयन को पृथ्वी पर किया गया।
इस रियेक्टर के भीतर हाइड्रोजन के आइसोटोप को इस संलयन उपकरण में प्लाज्मा की अवस्था तक लाया गया, इस अवस्था में आने के बाद आयन और इलेक्ट्रान को अलग किया जाता है।
आसान बात यह है कि इस प्रयोगशाला में कृत्रिम सूर्य को 20 सेकेंड के लिए जलाया गया, इस नकली सूरज का तापमान 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस से भी अधिक था जबकि असली सूर्य के सतह का तापमान 15 मिलियन सेल्सियस तक होता है। यह एक रिकॉर्ड उपलब्धि है।
सूर्य से निरन्तर प्राप्त होने वाली ऊर्जा का स्रोत वास्तव में सूर्य के अन्दर हो रही नाभिकीय संलयन प्रक्रिया का ही परिणाम है। अगर नकली सूरज का निर्माण हो गया तो यह एक बहुत बड़ा बदलाव ला देगा पृथ्वी पर। चीन भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। चीन नकली सूरज बना कर हिमालय के दुर्गम और भीषण ठंड वाले स्थानों पर इसका प्रयोग करेगा।
इस प्रयोग द्वारा हाइड्रोजन बम भी तैयार किया जा सकता है जो परमाणु बम से 100 गुना अधिक शक्तिशाली होता है।