जानिए शास्त्र के अनुसार रात को 3 बजे घर से क्यों नहीं निकलना चाहिए?
अगर हमारे पूर्वजों ने समय को जानने के लिए उसे प्रहरों में बांटा था तो निश्चित ही उन्होंने दिन को भी बांटा होगा। जी हां एक दिन में कुल 8 प्रहर होते हैं। वहीं औसतन एक प्रहर 3 घंटे का होता है। इन प्रहरों को भी दो भागों में बांटा गया है। जिनमें चार प्रहर दिन के और चार रात के होते हैं।
दिन के प्रहरों के नाम
- पूर्वाह्न
- मध्याह्न
- अपराह्न
- सायंकाल
रात के प्रहरों के नाम
- प्रदोष
- निशिथ
- त्रियामा
- उषा काल
पूर्व के शास्त्र आज के समय व जरूरत के अनुसार नहीं है, शास्त्र में तब की आवश्यकता के अनुसार बतलाया गया है एक बात सत्य है की उषाकाल के से पहले का प्रहर यानि त्रियामा प्रहर में रात अत्यधिक अंधकार पूर्ण होती है व आवश्यकता के अनुसार प्रकाश न होने की स्तिथि में कोई दुर्घटना हो सकती थी इसलिए इस काल में घर से निकलना वर्जित था, चूँकि वर्तमान समय में हमारे पास रात में प्रकाश की समुचित व्यवस्था है जिसके कारण आज यह नियम लागु नहीं होता है |