जानिए कैसे मालूम हो कि वेन्टीलेटर पर रह रहा पेशेंट जीवित हैं या नहीं?
मरीज़ ज़िंदा है या नहीं ये पता करने के लिए मरीज़ से बात करते रहें अगर वो रिस्पॉन्स दे पा रहा है तो वो ज़िंदा है( पलक झपकाना, हाथ की अंगुलियों को हिलाना , या फिर पैरों को हिलाना) वेंटिलेटर वाले मरीज़ मशीन में इसलिए रखा जाता है क्योकि उसके लंग्स अच्छे से काम नहीं कर पा रहे होते हैं।
लेकिन उसका दिमाग पूरी तरह से काम कर रहा होता है। हां अगर मरीज़ को दिमाग में कहीं चोट लगी है तो वो रिस्पॉन्स नहीं कर पाएगा इस स्तिथि को कोमा कहा जाता है। अब अगर देखना है कि मरीज़ को काफी समय हो चुका है और कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिल पा रहा है तो आप उसके मेडिकल रेकॉर्ड चेक कर सकते हैं जो कि हर घंटे रिकॉर्ड होते रहते हैं।
इसमें ब्लड प्रैशर, ऑक्सीजन, हार्ट रेट शामिल होता है जिसके बेस पर मरीज़ की आगे की स्तिथि का पता लगाया जा सकता है। कम या ज्यादा हो रहा है और नॉर्मल नहीं आ पा रहा है और साथ में ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के इंजेक्शन प्रयोग में लाए जा रहे हैं तो समझ जाओ कि मरीज़ की बॉडी ठीक होने में कोई हेल्प नहीं कर पा रही है। वो ज़िंदा सिर्फ इंजेक्शन के उपर है।