खिचड़ी बृहस्पतिवार को बनाई तथा खाई नहीं जाती है, इस बार मकर संक्रान्ति बृहस्पतिवार को है। क्या होगा?
वैसे तो हमारे यहाँ ऐसी कोई प्रथा नही है कि गुरुवार को खिचड़ी नही बनेगी लेकिन फिर भी जैसे रविवार को छोले न बनाये जाने का चलन है या और भी बहुत से कारण रहते है जैसे कुछ दिन ऐसे जिसमें सिर नही धोना या कुछ भी ऐसा तब यही कहकर आगे बढ़ ज़ाया जाता है कि त्योहार बड़ा या वार और सब मनाही वाले काम भी उस दिन कर लेते है।
अब आप पर निर्भर करता है कि आप चीज़ों को कैसे लेते है वैसे सब ही कुछ मै नही मानती लेकिन ऐसा भी नही कि बिल्कुल नही मानती जैसे गुरुवार को पूर्णिमा आ जाए अब चूँकि पूर्णिमा भी हर महीने ही आती है और गुरुवार तो ख़ैर महीने में चार बार आता है तब भी मुझे व्रत रखना होता है तो आराम से सिर धो लेती हूँ।
बाक़ी ज़्यादा किसी से पूछती नही सवके अपने अपने विचार है ऐसा न हो कोई मेरा ही दिमाग़ पलट दे और जो मै सालों से करती और मानती आ रही हूँ कर भी न पाऊँ और न करने की ग्लानि भी रहे।