क्रिकेटर युजवेंद्र चहल के बारे में आप क्या जानते हैं?

यूज़वेन्द्र चहल एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है जो घरेलू क्रिकेट में हरियाणा टीम की ओर से खेलते हैं। ये एक लेग ब्रेक गेंदबाज है।इनके अलावा यूज़वेन्द्र इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से भी खेलते है। भारत – ज़िम्बाब्वे श्रृंखला २०१६ में इन्हें १५ सदस्य टीम में चयन किया गया। इस कारण इन्होंने अपने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत ११ जून २०१६ को ज़िम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाफ हरारे स्पोर्ट्स क्लब में की। साथ ही श्रृंखला के दुसरे ही मैच में चहलने ३ विकेट भी लिए थे।

साथ ही १८ जून २०१६ को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में ही ज़िम्बाब्वे के खिलाफ अपने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी कैरियर की भी शुरुआत कर दी।युज़वेन्द्र चहल श्रीलंका क्रिकेट टीम के अजंता मेंडिस के बाद दुनिया के इकलौते ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी है जिन्होंने ट्वेन्टी-ट्वेन्टी क्रिकेट में एक मैच में ६ विकेट लिए हो। चहल ने यह कारनामा इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ ०१ फरवरी २०१७ को बैंगलोर में किया था, उस मैच में इन्होंने ४ ओवरों में २५ इन देकर ६ विकेट लिए थे।

यूज़वेन्द्र चहल का जन्म 23 जुलाई 1990 को हरियाणा के जींद जिले में हुआ । यूज़वेन्द्र चहल के पिता K K Chahal जींद में ही वकालत करते हैं। 2002-03 में वे जींद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे 1983 में गांव दरियावली के सरपंच और 1984 में मार्केट कमेटी जींद के चेयरमैन भी रह चुके हैं। यजुवेंद्र की मां सुनीता देवी सामान्य गृहिणी हैं। युजवेंद्र ने 7 साल की उम्र में जब खेलों की दुनिया में कदम रखा तो क्रिकेट और शतरंज दोनों में अपनी प्रतिभा का कमाल दिखाना शुरू किया।अंडर 12 वर्ग में युजवेंद्र national chess champion रह चुके हैं। कोझिकोड में हुई Asian Youth Championship में वे भारत की तरफ से शामिल हुए। इसके बाद ग्रीस में आयोजित world youth championships में में भी वे भारत की तरफ से खेले।

हालांकि चेस में उनका उभरता कैरियर, कोई प्रायोजक न मिल पाने के कारण ठप हो गया। इस खेल को जारी रखने के लिए युजवेंद्र को हर साल लगभग 50 लाख रुपए की जरूरत होती, जोकि बिना किसी प्रायोजक के संभव नहीं था। आखिरकार युजवेंद्र ने शतरंज की बजाय क्रिकेट पर फोकस करना शुरू किया और इसी में आगे कैरियर बनाने का फैसला किया। Yuzvendra Chahal के पिता ने बेटे को अच्छा खिलाड़ी बनाने के लिए पूरी मदद की। उन्होंने अपने डेढ़ एकड़ खेत मेें उसकी प्रैक्टिस के लिए क्रिकेट पिच बनवा दी।

जो अपनी मदद करता है भगवान भी उसकी मदद करता है ऐसा ही कुछ चहल के साथ हुआ. भारतीय टीम इतनी शसख्त थी की उसमे चहल के लिए कहीं जगह नहीं बन पा रही थी. फिर आया एक दिन जब टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेल रही थी. 3 मैचो की टेस्ट की सीरिज के बाद रविन्द्र जडेजा और अश्विन को T20 सीरिज में आराम दे दिया गया और वहीँ उनकी जगह 2 खिलाड़ियों को मौका दिया गया उसमे एक नाम युज्वेंद्र चहल भी था. चहल ने उस मौके का फायदा उठाया और बेहतरीन खेल खेलते हुए भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपना नाम अव्वल दर्जे पर लिख दिया.

उन्होंने एक लेक स्पिनर के तौर पर T20 इंटरनेशनल में 25 रन देकर 6 विकेट लिए जो T20 का सर्वश्रेष्ट रिकॉर्ड था. उसके बाद चहल का खेल उनका साथ देता रहा और वो फिर नहीं कभी नहीं रुके.

घरेलू कैरियर

चहल को पहली बार मुंबई इंडियंस ने 2011 में हस्ताक्षर किया था। वह तीन सत्रों में टीम के लिए केवल एक आईपीएल खेल में खेल चुके थे, लेकिन 2011 चैंपियंस लीग ट्वेंटी 20 में सभी मैचों में खेले थे। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ फाइनल में 3 ओवर में 9 रन पर 2 विकेट लिए , जिससे मुंबई ने कुल 139 रनों की पारी का मुकाबला किया। 2014 के आईपीएल खिलाड़ियों की नीलामी में, उन्हें 10 लाख के आधार मूल्य के लिए रॉयल चैलेंजर्स ने खरीदा था। उन्हें आईपीएल 2014 में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ मैन ऑफ दी मैच का पुरस्कार मिला।

अंतर्राष्ट्रीय कैरियर

2016 में जिम्बाब्वे दौरे के लिए उन्हें 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने 11 जून 2016 को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच (वनडे) बनाया।

दूसरे मैच में, चहल ने 25 रन पर तीन विकेट लिए और 8 विकेट से जीत हासिल की। दूसरे ओवर में उनके द्वारा, उन्होंने 109 / ¯ किमी / घंटा की गति पर सीम-अप डिलीवरी प्रदान की। उनकी गेंदबाजी प्रदर्शन ने उन्हें मैच पुरस्कार के पहले अंतर्राष्ट्रीय पुरुष भी हासिल किया था।

उन्होंने 18 जून 2016 को हरारे में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपना ट्वेंटी -20 इंटरनेशनल (टी -20I) पदार्पण किया।

1 फरवरी, 2017 को, वह टी 20 आई में पांच विकेट लेने वाले भारत के लिए पहला गेंदबाज बन गया, जो इंग्लैंड के खिलाफ 6/25 के आंकड़े के साथ समाप्त हो गया। युज़वेन्द्र चहल भी टी 20 आई में एक फीफा और 6 विकेट लेने वाले पहले लेग स्पिनर हैं और टी 20 आई इतिहास में लेग स्पिनर के रूप में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड है 

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