क्या बाली पर छुप कर तीर चलाना अमर्यादित नहीं था?
बिल्कुल अमर्यादित था लेकिन श्री राम ने ऐसा किया ही नही है।
बाली को राम ने छुप कर नही मारा था। इसके दो तर्क है,
1 जब श्री राम ने अपनी प्रत्यंचा खींची तो आसपास सभी जगह आवाज सुनाई दी थी तो क्या पास खड़े बाली को आवाज सुनाई नही दी होगी? दूसरा तर्क यह है कि जब बाली को बाण लगा तो तीर का पिछला हिस्सा बाली के सीने में था यह तब ही होता है जब तीर सामने ने से आया हो।
वाल्मीकि रामायण में भी वर्णन है कि जब श्री राम ने वाली का वध करने के लिए प्रत्यंचा खींची तो बहुत ही भयानक आवाज हुई थी “प्रद्रूद्रूबुमृगाश्चैव युगांत इव मोहिता:”
इसी लिए यह बात अपने मन में से निकाल दो की राम ने छुपकर वार किया था