कोरोना से जंग में नया हथियार है यह खास एंटीबॉडी कॉकटेल

कोरोना मरीजों के इलाज में एंटीबॉडी कॉकटेल की खोज ने बड़ी राहत पहुंचाई है। इस महीने भारत की दवा नियामक संस्था ने भी इस कॉकटेल मेडिसिन को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह दवा भारत में पाए गए पहले कोरोना वैरिएंट पर भी कारगर है। देश के जाने-माने डॉक्टर नरेश त्रेहन ने भी इस दावे पर अपनी मुहर लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. त्रेहन ने कहा कि यह दवा कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर है। इसमें केसिरिविमैब और इम्डेविमैब का कॉम्बिनेशन है, जो कोरोना के B.1.617 वैरिएंट पर भी असरदार है। यह वही वैरिएंट है, जो भारत में सबसे पहले पाया गया था। त्रेहन ने कहा कि जब केसिरिविमैब और इम्डेविमैब को कोरोना संक्रमित मरीज के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो यह वायरस को मरीज की कोशिकाओं (सेल्स) में घुसने से रोक देता है। यह कोविड-19 के खिलाफ नया हथियार है। गंभीर संक्रमण के जोखिम को करता है कम मेदांता अस्पताल के चेयरमैन त्रेहन ने बताया कि कई बीमारियों से ग्रस्त कोरोना मरीज के शरीर में बीते दिनों केसिरिविमैब और इम्डेविमैब का यह कॉकटेल इंजेक्ट किया गया था और वह ठीक होकर अपने घर गया। हम इसे ही फॉलो कर रहे हैं। इसकी मदद से वायरस की गुणात्मक वृद्धि खासतौर पर उन लोगों में कम हो जाती है, जिनमें हाई वायरस लोड होता है और जो गंभीर संक्रमण के जोखिम में होते हैं।

त्रेहन ने बताया कि योरप और यूएस में इसका इस्तेमाल किया गया है। अनुभव बताते हैं कि जब यह दवा मरीज को संक्रमण के शुरुआती सात दिनों में दी गई तो 70 से 80 प्रतिशत ऐसे मरीज, जो अस्पताल में भर्ती होने जा रहे थे, उन्हें हॉस्पिटलाइज होने की जरूरत खत्म हो गई। उन्हें फिर इलाज की जरूरत नहीं पड़ी। यह कॉकटेल उस समय चर्चा में आया था जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना से संक्रमित हुए थे और उन्हें यही दवा दी गई थी।

क्या है यह कॉकटेल केसिरिविमैब और इम्डेविमैब दरअसल एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है। यह खासतौर पर उन सार्स-कॉव-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ निर्देशित होते हैं, जो कोरोना वायरस का मुख्य कारण होते हैं। ये कॉकटेल वायरस के मानव कोशिकाओं में प्रवेश को रोकने का काम करते हैं। यह दवा बनाने वाली कंपनी ने सोमवार को घोषणा की कि यह दवा अब भारत में भी उपलब्ध है। हर मरीज के लिए इसकी एक खुराक की लागत 59 हजार 750 रुपये होगी। भारत में उपलब्ध होने वाले इस रॉश कॉकटेल के 100,000 पैक में से प्रत्येक दो रोगियों के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे।

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