कुछ इंजेक्शन की कीमत 20 से 30 हजार क्यों होती है, ऐसा इस इंजेक्शन में क्या होता है? जानिए वजह
20 हज़ार ? 30 हज़ार ?
Zolgensma इंजेक्शन का नाम आपने जरूर सुना होगा | कुछ समय पहले चर्चा में था | इस इंजेक्शन की कीमत है 22 करोड़ रूपए |
इस इंजेक्शन में ऐसा क्या होगा? क्या दुनिया की सबसे महँगी धातु का मिश्रण होगा इसमें ?
दरअसल इसके इतना महंगे होने का कारण इसके अन्दर इस्तेमाल किया गया पदार्थ नहीं है बल्कि इस की निर्माता कम्पनी द्वारा इस के शोध और विकास में निवेश किये गए धन है |
साथ ही साथ ये भी देखा जाता है कि कोई दूसरी कंपनी उस शोध का फायदा उठा कर बाजार में अपना इंजेक्शन ही न उतार दे | इस लिए निर्माता कम्पनी को पेटेंट दिया जाता है | इस के दवा के निर्माण का एकाधिकार निर्माता कम्पनी के पास होता है |
फिर बीमारी की दुर्लभता भी एक कारण होती है | अगर कोई बीमारी बहुत कम पाई जाती है तो उसकी दवाइयाँ भी महँगी होती है ताकि दवा के शोध पर लगा धन वापस आ सके |
अगर बीमार्री बहुत ज्यादा फैलती है तो उसका उपचार सस्ता हो जाता है क्योंकि ज्यादा मात्रा में दवाओं को बेच कर धन कमाया जा सकता है | इसी कारण कोरोना का टीका 1000 रूपए से कम में आ पा रहा है |