कुंभ मेले के बाद नागा साधु कहां रहते हैं, जीविका कैसे चलाते हैं? जानिए
कुंभ मेले के बाद सभी सन्यासी अपने मठ, प्राचीन मंदिरों, ओर अनजान आश्रम की ओर दोबारा लोट जाते हैं,
नागा संन्यासी एक स्थान पर कभी नहीं रुकते, वे भिक्षा मांगते हुए, उन के मठ या अखाड़ों पर आना जाना करते रहते हैं…… नागा संन्यासी एकांत स्थान में रहना पसंद करते हैं, विशेषकर नदियों के किनारे, जैसे मध्यप्रदेश में नर्मदा के किनारे, महाराष्ट्र में गोदावरी, गुजरात और राजस्थान के सुनसान स्थानों पर, और उत्तराखंड यूपी के जंगलों में नदियों की धाराओं के किनारे…… आप उनकी कुटिया को देख सकते हैं
नागा संन्यासी धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र धारण करते हैं, ओर सनातन संस्कृति की रक्षा करते हैं, योग विद्या में महारथी होते है बिना किसी दिखावे के….
नगाओं का जीवन बेहद कठीन होता है, अतः ऐसे योगियों का सम्मान करना चाहिए, वे देश के साथ संस्कृति की भी रक्षा करते हैं……