आखिर पाकिस्तान अपनी बेटियों को क्यों बेच रहा है

पाकिस्तान और चीन एक दूसरे को अच्छे दोस्त दिखाने की कोशिश हमेशा करते हैं, ताकि वह भारत पर दबाव बना सकें लेकिन चीन की करतूतों से पूरी दुनिया वाकिफ है कि वह किसी का सगा नहीं हो सका है।और यही उसने पाकिस्तान की लड़कियों के साथ किया है। जहां पर पाकिस्तान के गरीब परिवार और ईसाई धर्म की लड़कियां को चीन ने खरीद कर उन्हें अच्छे भविष्य के सपने दिखा कर शादी कर चीन लेकर जा रहे है और वहां पर वेश्यावृत्ति और बार क्लब में काम करवा रहे हैं।

पिछले 2 सालों में 629 महिलाओं ने चीनी लड़कों के साथ शादी करी, चीन भी गई लेकिन वेश्यावृत्ति और शारीरिक शोषण के अलावा उन्हें चीनी लड़कों से कुछ नहीं मिला ।पाकिस्तान में इस मसले की जांच करने वाली एजेंसी पर भी बहुत राजनीतिक दबाव है, यहां तक कि कई महिलाओं ने भी इस मसले पर बयान वापस ले लिए है और पीछे हट गई है। इसी वजह से पाकिस्तानी कोर्ट में 31 चीनी नागरिकों को ट्रैफिकिंग के अपराध से मुक्त कर दिया ।

पाकिस्तान में चीन के लिए लड़कियों की तस्करी करने वालों को लगभग $65000 यानी लगभग ₹4500000 प्रति लड़की मिल रहे है । वहीं लड़की के परिवार वालों को सिर्फ और सिर्फ ₹100000 मिलते हैं।

ये लोग ज्यादातर गरीब और पिछड़े तबके की लड़कियों को चीन में जाकर अच्छे भविष्य के सपने दिखाते हैं। पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति और अपने माता-पिता की कमजोर स्थिति को देखकर लड़कियां इस तरह की शादी के लिए तैयार भी हो जाती है , लेकिन उन्हें शिवाय बेदर्दी, जबरदस्ती के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिलता।

इस पर पीडित महिलाऐं पाकिस्तान के अधिकारियों की तरह देखती है ,ताकि उन्हें उस नर्क से आजादी मिल सके । लेकिन पाकिस्तान की लचर व्यवस्था भी चीनी लोगों की मदद करती है। इसी वजह से चीनी लड़कों का कुछ भी नहीं किया जाता और वह इस तरह के कार्य को फिर से अंजाम देते हैं, और यह काम ऐसे ही फल-फूल रहा है।

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