अरे गजब, 700 सालों से यहां के लोग घोसले में क्यों रहते हैं

हर किसी का सपना अच्छे और आलीशान घर में रहने का होता है. हर कोई चाहता है उसका अपना घर हो तथा उसमें खूब सारी जगह हो. अच्छे और आलीशान घरों में रहने का किसका सपना नहीं होता, हर कोई चाहता है उसका अपना घर हो. घर भी ऐसा हो जहां खूब स्पेस हो, हरियाली हो और वहां सूरज की रोशनी आती हो।

और वो वहां सुकून से रह सके. लेकिन आज हम ऐसे घरों के बारे में बताने जा रहे हैं. जो एकदम चिड़ियों के घोंसलों की तरह हैं. ये लोग कोई एक दो साल से ऐसे घरों में नहीं रह रहे, बल्कि इनकी कई पीढ़ियां ऐसे घरों में रह रही हैं.

दरअसल, ईरान के कंदोवन गांव की है कहानी कुछ ऐसी है. जहां लोग घोंसलानुमा घरों में रहते हैं. ये घर अपनी अजीबोगरीब परंपरा के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. ईरान के इस कंदोवन गांव के लोग पक्षियों की तरह घोंसले बनाकर रहते हैं. इन घरों की खास बात ये हैं कि ये घर सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहते हैं.

बता दें कि ये घर देखने में भले ही अजीब लगें, लेकिन रहने में काफी आरामदायक है. खबरों के मुताबिक यह गांव 700 साल पुराना है. यहां रहने वाले लोगों को न हीटर की जरूरत पड़ती है और न ही एसी की. क्योंकि गर्मी के मौसम में ये घर ठंडे रहते हैं और सर्दी में गर्म. आप सोच रहे होंगे कि इन घरों का निर्माण कैसे और क्यों हुआ?

बताया जाता है कि यहां रह रहे लोगों के पूर्वजों ने मंगोलों के हमलों से बचने के लिए ये घर बनाए थे. कंदोवन के प्रारंभिक निवासी यहां हमलावर मंगोलों से बचने के लिए आए थे. वे छिपने के लिए ज्वालामुखी चट्टानों में ठिकाना खोदा करते थे और वहीं उनका स्थायी घर बन जाता था.

दुनियाभर में यह गांव अपने अनोखे घरों के लिए आज भी जाना जाता है.

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